राजधानी में करोड़ों रुपए का तामझाम लगाकर पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में श्रीश्री रवि शंकर विश्व संस्कृति महोत्सव के जरिये दुनियाभर को भेदभाव मिटाकर एक साथ जोड़ने के राग अलाप रहे हैं, जबकि अपने ही देश में जातपात, धार्मिक संकीर्णता और छुआछूत के नाम पर दलितों को आज भी प्रताड़ित किया जा रहा है. रवि शंकर के इतने खर्चीले आयोजन में भारतीय संस्कृति का महिमामंडन सुनकर आप गलतफहमी न पाल लीजियेगा कि हमारे देश में सब भाईचारे से रहते हैं और किसी भी तरह के भेदभाव से दूर रहते हैं.

ऐसा इसलिए कहा जा रहा है क्योंकि, आगरा के कयूरी गांव में एक दलित को परिवार समेत सिर्फ इसलिए पीटा गया कि उसने गलती से एक ब्राह्मण को छू लिया था. पीड़ित दलित परिवार की महिला की मानें तो उसका छोटा भाई सोनू मिठाई खरीदने एक दुकान पर गया, अनिल शर्मा नाम के दुकानदार को लेनदेन के दौरान सोनू का हाथ स्पर्श हो गया, बस फिर क्या था. खुद को ऊंची जाति और दलितों को सदियों से गुलाम और अपवित्र मानने की मानसिकता के मद में चूर अनिल को यह बात बर्दाश्त नहीं हुई कि एक दलित ने उसको छूकर अपवित्र क्यों किया, तमतमाए अनिल ने पहले सोनू की पिटाई की. सोनू ने अपने परिवार को आपबीती सुनाई. विरोधस्वरूप सोनू का परिवार अनिल के पास पहुँचा.

सोनू के परिवार का आरोप है कि इस घटना के बाद अनिल शर्मा और उसके साथ उनके घर आये परिवार की जमकर पिटाई की. इस मारपीट में एक गर्भवती महिला को भी चोटें आयीं, जिसे अस्पताल में भरती करना पड़ा.  हालांकि पुलिस इस पूरे प्रकरण को दो गुटों के बीच हुई शराब पीकर मारपीट का मामला बता रही है.

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