हर दिन लड़कियों के साथ छेड़छाड़, चोरी, लूटपाट, पीछा करना, डराना धमकी देना जैसी घटनाएं घटित हो रही हैं. अधिकांश लड़कियां यह सोच कर चुप रहती हैं कि अगर उन्होंने कुछ बोला तो वे बड़ी मुसीबत में न फंस जाएं. कई बार तो उन्हें समझ भी नहीं आता कि वे इस तरह की स्थिति में क्या करें, किस तरह से अपनी रक्षा करें.

लड़कियां अपनी सुरक्षा स्वयं करें इस के लिए सीबीएसई बोर्ड ने एक पहल की है. जिस के तहत सीबीएसई स्कूलों में अब सैल्फ डिफैंस की टे्रनिंग कंपल्सरी होगी. इस से संबंधित गाइडलाइन बोर्ड ने सारे स्कूलों में जारी कर दिया है. इस में यह कहा गया है कि सभी स्कूल सैल्फ डिफैंस की ट्रेनिंग दें, जिस में मार्शल आर्ट पर खास फोकस हो. सीबीएसई की ओर से जारी इस गाइडलाइंस के अनुसार स्कूलों की जिम्मेदारी होगी कि वे 9वीं और 10वीं क्लास की लड़कियों को मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग जरूर दें. स्कूलों में पहले से ही फिजिकल ऐंड हैल्थ एजुकेशन पढ़ाया जा रहा है और यह ट्रेनिंग भी इसी के तहत दी जाएगी.

सर्टिफिकेट में मिलेगा ग्रे

सिविल डिफैंस और सैल्फ डिफैंस ट्रेनिंग को फारमेटिव असेसमैंट का भाग बनाया जाएगा. 10वीं क्लास में चाहे स्कूल बेस्ड एग्जाम दें या फिर बोर्ड एग्जाम दोनों के लिए सर्टिफिकेट सीबीएसई जारी करता है. सीबीएसई सर्टिफिकेट में भी सैल्फ डिफैंस की ट्रेनिंग को जगह दी जाएगी, जो स्टूडेंट सैल्फ ट्रेनिंग कोर्स में पास करेंगे उन को सर्टिफिकेट में अच्छे गे्रड मिलेंगे.

अपनी सुरक्षा के लिए साथ रखें टूल्स

आज मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग के साथ साथ अपने पास सैल्फ डिफैंस के कुछ टूल्स रखना भी जरूरी हो गया है ताकि कठिन परिस्थिति में घबराने के बजाय अपनी सुरक्षा स्वयं की जा सके. आजकल मार्केट में कई तरह के सैल्फ डिफैंस टूल्स जैसे वैलेट अलार्म, स्पाइकी चेन, हेयरब्रश, नाइफ टेजर, लिपस्टिक नाइफ, पेपर स्प्रे इत्यादि चीजें मिल रही हैं. इन टूल्स को अपन पास रखने के साथसाथ कुछ छोटीछोटी बातों का भी ध्यान रखें. जैसे रास्ते पर जाते समय फोन पर बातें करते हुए न जाएं. न ही फोन पर बताएं कि आप घर पर अकेली हैं. रात के समय खाली बस में चढ़ने से बचें.

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