हालांकि सभी मंत्री सहमत नहीं थे, लेकिन मामला चूंकि धर्म का था इसलिए कोई भी विरोध जताने की हिम्मत नहीं जुटा सका. मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट बैठक मे आखिरकार जगतगुरु कहे जाने वाले शंकराचार्य स्वरूपानन्द की डेढ़ करोड़ की कीमत बाली लग्जरी गाड़ी का कोई 12 लाख रुपये का टैक्स माफ कर दिया गया. शंकराचार्य के पास अरबों की संपत्ति है, इसके बाद भी उन्हें टैक्स में यह भारी भरकम छूट क्यों दी गई, यह सवाल ना कोई पूछेगा ना कोई इसका जबाब देगा.

एक हफ्ते पहले से ही इस टैक्स माफी रूपी दक्षिणा पर सुगबुगाहट शुरू हो गई थी. गृह मंत्री बाबूलाल गौर इस जिद पर अड़े थे कि जगतगुरु की गाड़ी टैक्स फ्री की जाए, लेकिन कुछ मंत्रियों को इस पर स्वभाविक एतराज था, क्योकि ये शंकराचार्य कांग्रेसी विचारधारा के हैं और हर कभी भाजपा की नीतियों का खुला विरोध करते रहते हैं. उज्जैन सिंहस्थ मे दलित स्नान पर उन्होंने इसे भेदभाव फैलाने वाला कहा था, क्योकि यह वर्ण व्यवस्था पर प्रहार करता हुआ था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही भोपाल में उनके पाँव पकड़ चुके थे, इसलिए उन्होने ज्यादा बवंडर खड़ा नहीं किया और एवज में अपनी गाड़ी का यह टैक्स माफ करवा लिया.

इस आलीशान गाड़ी मे आधुनिक सुख सुविधाओं के तमाम साधन हैं, जिनसे साधु सन्यासियों को कोई मोह या जरूरत भी नहीं होनी चाहिए, लेकिन आजकल के सन्यासी बेचारे कहां घास फूस पर सोते मौसम की मार सहन कर पाते हैं, इसलिए इस गाड़ी मे एसी भी है , लिफ्ट और शौचालय भी है और हाइटेक कैमरे भी लगे हैं. आम आदमी अगर वक्त पर नल का बिल भी अदा ना कर पाये, तो नगर निगम के मुलाज़िम टोंटी खोल कर ले जाते हैं और जो परिवहन विभाग बिना रोड टैक्स वाली गाड़ी पकड़ लेता है, तो कोई दलील या मजबूरी नहीं सुनता, फिर इस धर्मगुरु पर मेहरबानी क्यों, जबकि 12 लाख या डेढ़ करोड़ रुपये उसके लिए हाथ का मैल है, यानि बेहद मामूली रकम है.

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