चिलचिलाती गरमी के मौसम में टैनिंग की समस्या से बचने के लिए जाहिर है आप त्वचा को सुरक्षा कवच देने के लिए सनस्क्रीन का प्रयोग कर रही होंगी. लेकिन हम यह दावे के साथ कह सकते हैं कि सनस्क्रीन का सही तरीके से इस्तेमाल करना तो दूर आप को इस बात की भी जानकारी नहीं होगी कि त्वचा को सुरक्षित रखने के लिए आप ने सुरक्षाकवच सही तरह से पहना भी है या नहीं. सनस्क्रीन कितने भी अच्छे ब्रैंड का क्यों न हो, अगर आप को उसे इस्तेमाल करने का सही तरीका पता नहीं है, तो वह आप की त्वचा पर बेअसर ही साबित होगा.

ऐसे में यदि अपनी त्वचा को सूर्य की नुकसानदायक अल्ट्रावायलेट किरणों से बचाना है तो इन टिप्स पर जरूर गौर फरमाएं:

चुनें सही सनस्क्रीन: बाजार में सनस्क्रीन कई रूपों में उपलब्ध है. मसलन, पाउडर, जैल, क्रीम आदि. सभी तरह का सनस्क्रीन बाजार में आसानी से तरहतरह के ब्रैंडों में उपलब्ध है. लेकिन सनस्क्रीन खरीदने से पहले खुद की स्किनटोन को पहचानना अनिवार्य है.

दरअसल, बाजार में मौजूद कुछ सनस्क्रीन चौकी इफैक्ट देने वाले भी होते हैं. यह सनस्क्रीन फेयर कौंप्लैक्शन वाली महिलाओं के लिए तो ठीक है, लेकिन डस्की स्किन पर यह ग्रेइश इफैक्ट देता है, जो बड़ा ही भद्दा लगता है. इसलिए यदि आप की त्वचा सांवली है, तो आप माइक्रोनाइज्ड फौर्मूले वाले सनस्क्रीन का इस्तेमाल करें. इस में सनस्क्रीन इफैक्ट कम होता है और त्वचा पर इस की परत दिखाई नहीं देती. लेकिन यह अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा को पूरी तरह सुरक्षित रखता है. ऐसी त्वचा की ऊपरी परत पर पानी की बेहद कमी भी होती है. ऐसे में इस त्वचा पर ज्यादा मौइश्चराइजर फौर्मूला वाली क्रीम मददगार साबित होती है.

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