अमित को संदेह था कि उन की पत्नी का किसी से संबंध है. उन का अपना बिजनैस था. बिजनैस की वजह से उन्हें समय नहीं मिलता था कि वह पत्नी पर नजर रखते. वह सुबह घर से निकलते थे तो देर रात को ही लौट पाते थे. इस बीच पत्नी क्या करती है, उन्हें पता नहीं चल पाता था. ऐसा नहीं था कि उन्होंने पत्नी को रंगेहाथ पकड़ने की कोशिश नहीं की थी. कई बार वह अपना काम छोड़ कर घर आ गए. पर संयोग से उस समय पत्नी घर में अकेली मिली.

अमित को लगा कि वह पत्नी को उस के प्रेमी के साथ रंगेहाथ नहीं पकड़ सकते तो असलियत जानने के लिए वह एक प्राइवेट डिटेक्टिव कंपनी जा पहुंचे. कंपनी ने अमित की पत्नी की असलियत का पता लगाने के लिए जासूस लगा दिया. जासूस ने जल्दी ही अमित की पत्नी के खिलाफ सारे सबूत जुटा लिए. लेकिन वे सबूत अमित को देने के बजाय वह सबूत ले कर अमित की पत्नी के पास पहुंच गया. उस ने उसे बता दिया कि उस का पति उस की जासूसी करवा रहा है.

जासूस ने उसे वे सबूत भी दिखा दिए, जो उस ने अमित के कहने पर जुटाए थे. अमित की पत्नी के एक युवक से संबंध थे. अगर इस बात के सबूत अमित को मिल जाते तो वह उसे छोड़ सकता था. इसलिए उस ने जासूस से पैसे ले कर मामला रफादफा करने को कहा. जासूस का इस में फायदा ही था, इसलिए वह तैयार हो गया.

उस ने एक बार ही नहीं, कई बार उन सबूतों को छिपाने के लिए अमित की पत्नी से रुपए लिए. वह शायद इसी तरह उस से पैसे ऐंठता रहता, लेकिन अमित को उस जासूस पर शक हो गया. तब उन्होंने दूसरी डिटेक्टिव कंपनी से संपर्क कर पत्नी ही नहीं, उस जासूस के खिलाफ भी सबूत जुटा लिए. देखा जाए तो वह प्राइवेट जासूस एक तरह से अमित की पत्नी को ब्लैकमेल कर रहा था. उन्होंने तुरंत उस जासूस के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करा दिया.

आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें

डिजिटल

(1 साल)
USD10
 
सब्सक्राइब करें

डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

(1 साल)
USD79
 
सब्सक्राइब करें
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...