मेरी 5 वर्षीया नातिन आध्या बहुत ही स्मार्ट व हाजिरजवाब है. एक दिन हम सब बैठे थे. आध्या बोली, ‘‘नानी, एक बात बताओ, हम लड़कों की तरह जींस, टीशर्ट पहनते हैं तो लड़के हमारी तरह फ्रौक, स्कर्ट क्यों नहीं पहनते?’’ उस की यह बात सुन कर हम कुछ जवाब ही नहीं दे पाए.

- मीना गर्ग, आनंद (गुज.)

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मेरा 2 साल का भांजा अपनी मां के साथ घर आया हुआ था. हम परिवार के साथ फिल्म देखने गए. जैसे ही फिल्म शुरू हुई, भांजा जोरजोर से बोलने लगा, ‘‘यहां अंधेरा कर के इतने बड़े रूम में इतने सारे लोग एकसाथ टीवी क्यों देख रहे हैं? ये इतना बड़ा टीवी अंदर लाए कैसे? यहां का दरवाजा तो छोटा सा है?’’ अगलबगल, आसपास जो दर्शक बैठे थे, हंसते जा रहे थे.

उस ने फिर कहा, ‘‘मैं पापा को बोलूंगा, मुझे भी इतना बड़ा टीवी ला कर दें. मैं अपने रूम में लगवाऊंगा. लेकिन मामाजी, घर के अंदर ले कर कैसे जाऊंगा, हमारा भी दरवाजा छोटा है.’’

मैं ने अपनी बहन से पूछा, ‘‘तुम लोग कभी इस को ले कर सिनेमाघर फिल्म देखने नहीं जाते क्या?’’

उस ने कहा, ‘‘हमारे घर (ससुराल) में फिल्म देखने कोई जाता ही नहीं.’’

फिल्म जब खत्म हो गई तो उस की नई जिद शुरू हुई, ‘‘मामाजी, यह टीवी खरीद के मुझे दो. मैं अपने घर ले कर जाऊंगा.’’ मैं उस के बालहठ पर अवाक था. और उस की बातों से हंसतेहंसते परेशान भी. मेरे पिताजी, जो साथ ही थे, उसे बहुत समझाबुझा कर घर लाए.

- रघुनंदन बाहेती, तिनसुकिया (असम)

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मेरी छोटी बेटी श्रेया को एक दिन मैं समझाते हुए बता रहा था कि जब देखो, तुम या तो कंप्यूटर से लगी रहती हो या फिर टीवी से चिपकी रहती हो. अरे बाहर जाओ, घूमोफिरो. सुबह जल्दी उठ कर दौड़ लगाया करो. इस से तुम्हारी सेहत ठीक रहेगी और उम्र भी लंबी होगी. मेरी बातें वह बड़े ध्यानपूर्वक सुनती रही पर न जाने एकाएक उसे क्या सूझी, वह बड़े भोलेपन से मुझ से बोल पड़ी, ‘‘पर पापा, घर में पाला गया खरगोश तो दिनभर उछलकूद करता रहता है. लेकिन 8-10 साल की उम्र में मर जाता है. और एक तरफ कछुआ को देखो, वह बेहद आलसी होता है. चार कदम चलने में 1 घंटा लगा देता है. वह 150 साल तक जीता है.’’ श्रेया की ये बातें सुन कर मैं चुप रह गया.

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