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जीका ने छीना ब्रायन बंधुओं से ओलंपिक पदक!

लंदन ओलंपिक में डबल्स टेनिस के पुरुष वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले अमरीका के माइक और बॉब ब्रायन रियो ओलंपिक में हिस्सा नहीं लेंगे.

बॉब और माइक ब्रायन बंधुओं ने स्वास्थ्य संबंधित चिंताओं का हवाला देते हुए रियो द जिनेरियो में टेनिस के ओलंपिक डब्ल्स खिताब का बचाव नहीं करने का फैसला किया है.

अपने फेसबुक पेज पर पोस्ट किए संदेश में उन्होंने कहा कि परिवार का स्वास्थ्य उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने हालांकि जीका वायरस का जिक्र नहीं किया, जिसके कारण टेनिस और अन्य खेलों में कई खिलाड़ियों ने हटने का फैसला किया है.

ब्रायन बंधुओं ने 2012 लंदन ओलंपिक में स्वर्ण पदक हासिल किया था, उन्होंने 2008 बीजिंग खेलों के युगल में कांस्य पदक प्राप्त किया था. उनके नाम 16 ग्रैंडस्लैम खिताब है जो पुरुष युगल में एक रिकॉर्ड है.

अमेरिकी टेनिस संघ ने कहा कि वह रियो में ब्रायन बंधुओं की जगह भेजने के लिये विकल्पों की तलाश कर रहा है.

जीका वायरस के खतरे को लेकर कई एथलीट रियो ओलंपिक में हिस्सा न लेने का फैसला कर चुके हैं. जीका वायरस को नवजात बच्चों के दिमाग में विकार के लिए जिम्मेदार माना जाता है.

महिला ऑटो ड्राइवर: बुरी नजर वाले तेरा मुंह काला

बिहार की राजधानी पटना की सड़कों पर पिछले 3 साल से प्री-पेड ऑटो चलाकर अपने परिवार को बेहतर जिंदगी देने वाली रिंकू कुमारी बताती हैं कि उसके पति ठेला गाड़ी चलाते हैं. उनकी कमाई से परिवार का खर्च चलाने में काफी दिक्कतें आती थी. पहले उसने हौस्टल में खाना बनाने का काम शुरू किया, लेकिन उससे खास कमाई नहीं हो पाती थी और मेहनत भी कापफी करना पड़ता था. हर महीने में 3-4 हजार से ज्यादा की कमाई नहीं हो पाती थी.

उनके एक करीबी रिश्तेदार ने बताया कि महिलाओं के लिए ऑटो चलाने का काम काफी बेहतर है और कमाई भी अच्छी होती है. रिंकु ने ऑटो के बारे में पता किया और उसके बाद उसे चलाने की ट्रेनिंग ली. जब से रिंकु ने ऑटो चलाना शुरू किया है रोजाना 700 से 1000 रूपए तक की कमाई हो जाती है. रिंकी का सपना है कि उनकी तीनों बेटियां अच्छी तरह से पढ़-लिखकर बड़ी अपफसर बने. अपनी कमाई का बड़ा हिस्सा वे बेटियों की पढ़ाई पर खर्च करती हैं. यह बताते हुए रिंकू की आंखें चमक उठती हैं कि उनकी बड़ी बेटी, नेहा डाक्टर बनना चाहती है और मंझली बेटी, रितू आईएएस अपफसर बनने की तैयारियों में लगी हुई है. छोटी बेटी अभी दसवीं क्लास में पढ़ रही है.

रिंकू कहती हैं कि बेटियों को बड़ा अपफसर बनाना ही उनकी जिंदगी का मकसद है. बेटियों की पढ़ाई में कोई दिक्कत न हो, इसलिए वह जी तोड़ मेहनत कर रही है. रिंकू जैसी कई महिला ऑटो रिक्शा ड्राइवर महिलाओं की मजबूती और मेहनत की नई कहानी लिख रही हैं. रिश्तेदारों के ताने और उलाहने को सुनने के बाद भी सभी अपनी धुन में लगी हुई हैं.

ऑटो रिक्शा ड्राइवर सरिता पांडे बताती हैं, ‘मैने अपने परिवार को ठीक तरह से चलाने के लिए और माली हालत को मजबूत करने के लिए ऑटो रिक्शा चलाने का काम शुरू किया है.’ जब उनसे पूछा गया कि महिलाओं को कमजोर समझा जाता है, उसके बाद भी वह इतनी मेहनत कैसे कर लेती हैं? इसके जबाब में सरिता कहती हैं, ‘मैं अपनी मेहनत से अपने परिवार और समाज को यह बताने में कामयाब रही हूं कि औरत हर काम कर सकती है, उन्हें मर्दों से कमजोर नहीं समझा जाए.’ समाज के पुराने और घिसे-पिटे ढर्रे को आज महिलाएं हर क्षेत्रा में तोड़ रही हैं और कामयाबी की नई मंजिलें तय कर रही हैं.

हमें इस बात से कोई मतलब नहीं है कि समाज क्या कहेगा? कुछ करो या न करो, समाज तो हर हाल में खिल्ली उड़ाता है.  28 साल की पिंकी कुमारी को इस बात का कोई मलाल नहीं है कि लोग क्या कहेंगे? वह कहती हैं, ‘मैंने अपने बच्चों को अच्छी परवरिश देने और उनके लिए बेहतर शिक्षा का इंतजाम करने के लिए ऑटो रिक्शा चलाती हूं. वहीं 12वीं तक पढ़ी गुड़िया सिन्हा को इस बात का फक्र है कि वह अपनी मेहनत और लगन के बदौलत आज अपने पैरों पर खड़ी हो चुकी हैं और अब उन्हें वक्त-बेवक्त रूपयों की जरूरत पड़ने पर उसे किसी के आगे हाथ नहीं फैलाना पड़ता है.

इनके अलावा कई महिला ऑटो रिक्शा ड्राइवर फर्राटे के साथ कामयाबी की मंजिलें तय कर रही हैं. अनीता पांडे, शोभा कुमारी, विनीता मिश्रा, कंचन कुमारी, कोमल, अनिता कुमारी समेत कई महिला ऑटो ड्राइवर की आंखों में कुछ बेहतर कर गुजरने का जज्बा साफ दिखाई देता है. यह सभी महिलाएं बिहार के अलग-अलग हिस्सों से ताल्लुक रखती हैं, पर सभी ने एक तरह का काम शुरू किया है.

बिहार की राजधनी पटना की सड़कों पर यह लोग फर्राटे से ऑटो रिक्शा चला रही हैं. साल 2013 में पटना में पहली बार औरतों के जत्थे ने ऑटो रिक्शा चलाने का काम शुरू किया है. महिला ऑटो ड्राइवरों की ओर से प्री पेड ऑटो सर्विस शुरू किया गया. पहले फेज में पटना में साल 2013 में 10 लड़कियों को अपने पैरों पर खड़े होने के लिए ऑटो रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी. आज की तारीख में करीब 150 से ज्यादा औरतें और लड़कियां ऑटो रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं. दिलचस्प बात यह है कि इस योजना को सरकार ने नहीं बल्कि बिहार ऑटो रिक्शा चालक संघ और पटना जिला ऑटो रिक्शा चालक संघ की ओर से शुरू किया है.

पटना ऑटो रिक्शा चालक संघ के सचिव नवीन मिश्रा बताते हैं, ‘केरल के कन्नूर जिले में सीआईटीयू के जलसे के दौरान उनसे कुछ महिला ऑटो ड्राइवरों से मुलाकात हुई थी, उसी समय उन्होंने मन बना लिया था कि पटना में महिलाओं को ऑटो चलाने की ट्रेनिंग देने की शुरूआत करेंगे. जब इसके बारे में अखबारों के जरिए एलान किया किया तो काफी तादाद में लड़कियों और महिलाओं ने ऑटो रिक्शा चलाने की ट्रेनिंग लेने में दिलचस्पी दिखाई.

महिला ड्राइवरों के साथ ऑटो में बैठ कर महिला सवारी खुद को सुरक्षित महसूस करती हैं. ऑटो रिक्शा ड्राइवर गुड़िया सिन्हा कहती हैं, ‘औरतों को अगर घर की चौखट से बाहर निकलने दिया जाए तो वह अपनी प्रतिभा दिखा सकती हैं और यह साबित कर सकती हैं कि वह किसी भी सूरत में किसी से कम नहीं हैं. जब महिलाएं हवाई जहाज उड़ा सकती हैं तो ऑटो रिक्शा क्या चीज है?’

विद्या बालन करेंगी तीसरी बायोपिक

फिल्म किसी भी किरदार में आसानी से ढलने की हुनर बॉलीवुड अभिनेत्री विद्या बालन में हैं. और इसी वजह से, विद्या अक्सर बायोपिक फिल्मों के लिए फिल्ममेकर्स की पहली पसंद होती हैं.

सिल्क स्मिता पर बनी ब्लौकबस्टर फिल्म ‘डर्टी पिक्चर’ में अपनी हुस्न का जादू बिखरने के बाद, विद्या ने मराठी फिल्म ‘एक अलबेला’ में बॉलीवुड अदाकारा गीता बाली का किरदार निभाया था. दो अभिनेत्रियों पर बनी बायोपिक में उनके किरदार निभाने के बाद, अब विद्या बालन तिसरी अभिनेत्री के चरित्र पर बन रही फिल्म में काम करने के लिए तैयार हैं.

१९५० में संसारम् फिल्म से अपनी कॅरियर की शुरूआत करनेवाली, और तेलगु, तमिल, कन्नड, मल्यालम और हिंदी फिल्म जगत में अपने बेहतरीन अभिनय से नाम कमानेवाली अभिनेत्री सावित्री पर बायोपिक बन रहीं हैं.

कहा जा रहा हैं कि इस बायोपिक में अदाकारा सावित्री के किरदार के लिए विद्या बालन फिल्म मेकर्स की शुरू से ही पहली पसंद थी. इसकी वजह विद्या का चेहरा सावित्रीजी के साथ मिलना है, और साथ ही, विद्या को भी सावित्री जी के तरह ही साऊथ की सारी भाषाओं पर महारथ हासिल है.

सूत्रों के अनुसार, “किरदार निभाते वक्त कोई भी संकोच ना रखते हुए, विद्या अक्सर अपने किरदार में घुस जाती हैं. चाहे फिर वो वजन में बदलाव करना हो, या बॉडी लैंग्वेज और बोली में, उस किरदार को हुबहू निभाने के लिए वो हर तरह से खूद में तबदिली लाने के लिए तैयार रहती हैं. और इसिलिए तो हमेशा विद्या बालन फिल्म मेकर्स की पसंदीदा अभिनेत्री हैं.” 

डायमंड नक्षत्र में ऐश्वर्या की जगह कंगना के आने के मायने

अब तक ऐश्वर्या राय बच्चन अपने आपको इस देश की सर्वाधिक खूबसूरत अभिनेत्री मानती आयी हैं. उनका मानना रहा है कि उनके चेहरा हर सौंदर्य प्रेमी को आकर्षित करता है. ऐश्वर्या राय बच्चन की मानें तो उनके खूबसूरत चेहरे की ही वजह से हमेशा सुंदर चेहरे को अपना ब्रांड अम्बैसडर बनाने वाली डायमंड की कंपनी ‘नक्षत्र’ उनके साथ जुड़ी रही है.

इतना ही नहीं सूत्रों का मानना है कि जब भी ब्रांड अम्बैसडर की बात आयी, तो ऐश्वर्या राय बच्चन, नक्षत्र डायंमड पर अपना एकाधिकार मानती आयी हैं. लेकिन अब उनका यह भ्रम टूट चुका है.वास्तव में अब हालात बदल चुके हैं.

अब नक्षत्र डायमंड ने अपना ब्रांड अम्बैसडर कंगना रानौत को बना दिया है. सूत्रों की माने तो हर प्रोडक्ट बेचने वाली कंपनी कलाकार की खूबसूरती के साथ-साथ उसकी लोकप्रियता को भुलाने की कोशिश करती है.

सूत्रों का दावा है डायमंड नक्षत्र वालों को अहसास हो चुका है कि आज की तारीख में ऐश्वर्या राय बच्चन की बनिस्पत कहीं ज्यादा लोकप्रिय चेहरा कंगना रानौत का है. इसलिए अब उन्होंने ऐश्वर्या राय की बजाय कंगना रानौत से हाथ मिलाया है.

‘यूपी उद्घोष’ में बदहाली पर निशाना

उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेसी सरकार का सपना पाले पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रदेश की बदहाली पर निशाना साधते हुये ‘27 साल यूपी बेहाल’ का नारा दिया. कांग्रेस के लिये अच्छी बात यह है कि इन 27 सालों की बदहाली के लिये वह सपा, बसपा और भाजपा जैसे विरोधी दलो को निशाने पर ले सकती है. कांग्रेस के इस तर्क में दम भी है.

देश में विकास की गति आर्थिक उदारीकरण की नीतियों के चलते 1990 के बाद तेज हुई. उत्तर प्रदेश और बिहार इस राजनीति के दो प्रमुख केन्द्र बिन्दू बन गये. अयोध्या का राम मंदिर जहां धर्मिक धुव्रीकरण का जरीया बना वहीं मंडल की राजनीति ने बिहार को सबसे अधिक प्रभावित किया.

इन 27 सालों में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक बहुजन समाज पार्टी की सरकार रही है. उसके बाद समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी ने सरकार चलाई है. मंडल की राजनीति ने न दलित और पिछड़ों का न कोई भला किया और न प्रदेश का. मंडल की राजनीति ने धार्मिक दूरियों को बढ़ाने का काम किया. इस कारण उत्तर प्रदेश जैसी गंगा जमुनी सभ्यता वाले प्रदेश में आजमगढ़ जैसे जिले को आतंकवाद के नाम से पहचाना जाने लगा.

राजनीति में उत्तर प्रदेश परिवारवाद, भाई-भतीजावाद और भ्रष्टाचार की मिसाल बन गया. नई राजनीति की पहचान के लिये प्रदेश में पार्क, चैराहे सब मूर्तियों से पट गये. मूर्तिपूजा ने विकास की गति को रोक दिया. उस समय प्रदेश में कोई कल कारखाना नहीं लगा. किसी नहर का निर्माण नहीं हुआ. जरूरत के हिसाब से बिजली घर नही बने. यहां के लोग रोजगार के लिये पलायन करने लगे.

कांग्रेस अब इन मुद्दों को उठाकर अपनी साख बनाना चाहती है. कांग्रेस जातीय राजनीति में सबसे पहले सवर्णों को अपनी ओर मोड़ना चाहती है. यह लोग भाजपा से मोहभंग करने के बाद नए आसरे की तलाश में है. ‘यूपी उद्घोष’ में कांग्रेस ने अपनी नीतियों के प्रचार प्रसार और कार्यकर्ताओं के संघर्ष को सबसे जरूरी बताया. लखनऊ की सभा में राहुल गांधी ने पार्टी की दिशा तय की. राहुल ने इस बात का पूरा भरोसा दिलाया कि कांग्रेस की सत्ता में वापसी हो सकती है. अगर कार्यकर्ता सही तरह से अपनी बात जनता के सामने रख सके. सभा में आए नेताओं और कार्यकर्ताओं में जोश भरा नजर आया.

29 जुलाई को राहुल ने लखनऊ में अपनी बात रखी तो 2 अगस्त को सोनिया गांधी वाराणसी में सभा करेंगी. वाराणसी में कांग्रेस के वरिष्ट युवा नेता शैलेन्द्र किशोर पांडेय ‘मधुकर’ कहते हैं, ‘पिछले 27 सालों की बदहाली के लिए गैर कांग्रेसी सरकार रही है. यह सरकारें अगर सही से काम करती तो प्रदेश विकास के पथ पर आगे बढ़ता. अब वक्त आ गया है कि गैर-कांग्रेसी सरकारों को भी अपनी सफलता और असफलता को खुले दिल से स्वीकार करना चाहिये.’

सत्ता विरोधी मतों के चलते केन्द्र में 10 साल सरकार चलाने के बाद कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. अब कांग्रेस सत्ता विरोध को ही अपना हथियार बनाकर वापस सत्ता हासिल करना चाहती है. यह बात और है कि जब-जब कांग्रेस उत्तर प्रदेश की बदहाली की बात करेगी तब विरोधी दल भी कांग्रेस के जमाने में देश की बदहाली पर सवाल उठायेंगे. अगर कांग्रेस अपनी बात को सही तरह से जनता के बीच ले जाने में सफल होगी तो उत्तर प्रदेश चुनाव जाति और धर्म की सोच से बाहर निकल कर नये समीकरणों पर लड़े जायेंगे. कांग्रेस का कमजोर संगठन कितने प्रभावी तरह से अपनी बात रख पाता है यह देखने वाली बात होगी.

शोमू मित्रा बनीं अभिनेत्री से प्रोजेक्ट डिजायनर

राष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी रह चुकी तथा कई हिंदी व बांग्ला फिल्मों में अभिनय कर चुकी शोमू मित्रा इन दिनों प्रोजेक्ट डिजायनर के रूप में फिल्म ‘‘तेज रफ्तार’’ से जुड़ी हुई हैं. वह बताती हैं- ‘‘यह फिल्म खेल पर आधारित है. मुझे इसमें अभिनय करने का ऑफर मिला था, क्योंकि मै राष्ट्रीय स्तर की बैडमिंटन खिलाड़ी रही हूं. इसके अलावा मैंने कई फिल्मों में अभिनय भी किया है. मगर कुछ वजहों से मुझे अभिनय का ऑफर ठुकराना पड़ा. पर विषय वस्तु इतना अच्छा है कि अब मैं इसके साथ प्रोजेक्ट डिजाइनर के रूप में जुड़ी हुई हूं.

5 करोड़ पापड़ बनाते तो 50 करोड़ मिलते

अगले 2 दिन तक भी माहौल ऐसा ही रहेगा कि लोग छोटे बड़े बूढ़े और औरतें सभी  सी एम हाउस की तरफ भागते नजर आएंगे जहां मुख्य मंत्री शिवराज सिंह 5 करोड़ पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण करा रहे हैं.

धर्म और उससे जुड़े अंधविश्वास किस तरह आर्थिक तरक्की मे अड़ंगा हैं यह भोपाल स्थित मुख्य मंत्री निवास में देखा जा सकता है जहां एक फिजूल का काम हजारों लोग तन मन धन से कर रहे हैं चूंकि वक्त और पैसा इफरात से फूंका जा रहा है.

इसलिए अपनी ग्लानि या नादानी कुछ भी कह लें, को ढ़कने बड़ा लुभावना नाम दे दिया गया है –  विश्व कल्याण और शांति का, इसमें सी एम हाउस की सहप्रायोजक है दद्दा शिष्य मित्र मण्डल नाम की धार्मिक संस्था जिसके ब्रांड एम्बेस्डर फिल्म अभिनेता आशुतोष राणा हैं.

सी एम हाउस का नजारा भी किसी ब्रांडेड मंदिर से कम नहीं जहां लाउड स्पीकर पर भजन कीर्तन और प्रवचन चल रहे हैं चारों तरफ धूप की सुगंध है पूरी लगन से मिट्टी के लोंदे बनाते श्रद्धालु हैं जिनकी केलोरी बनाए रखने चाय नाश्ते के इंतजाम भी हैं अब इतना बड़ा धार्मिक आयोजन बिना भंडारे के तो सम्पन्न हो नहीं सकता लिहाजा वह भी है.

श्रावण मास की इस सरकारी पिकनिक में अंदाजा है 5 करोड़ के लगभग खर्च होगा जो सभी जानते हैं हाथ का मेल है और आता जाता रहता है लेकिन सी एम और आशुतोष राणा जैसे दिग्गजों के सानिध्य मे शिवलिंग बनाने का दुर्लभ मौका फिर शायद ही मिले.

ये 5 करोड़ शिवलिग किसी संग्रहालय में सजाकर नहीं रखे जाएंगे बल्कि तेरा तुझको अर्पण के सिद्धान्त का पालन करते इन्हे विसर्जित कर दिया जाएगा . देश में हर कहीं ऐसे धार्मिक पाखंड फैलाने बाले आयोजन हो रहे हैं लेकिन सी एम हाउस में हों तो बात एतराज की है इसमे जनता का पैसा फुंकता है लोगों का वक्त एक फिजूल के काम में जिससे अंततः किसी को कुछ हासिल नहीं होना उल्टे अंधविश्वास ही फैलना है.

अगर शिवलिंगों के बजाय 5 करोड़ पापड़ ऐसे ही समारोह पूर्वक बनाए जाते तो प्रति पापड़ 10 रु के हिसाब से 50 करोड़ की आमदनी होती जो जरूरतमन्द लोगों मे बांटी जा सकती थी जो एक सार्थकता को ही सिद्ध करती और लोगों में कुछ कर लेने की आत्म संतुष्टि भी रहती. 

5 शॉर्टकट जो हर एंड्रायड यूजर की है जरुरत

एंड्रायड यूजर की संख्या दुनिया में सबसे अधिक है. आप पहली बार एंड्रायड फोन इस्तेमाल करने वाले हों या पहले से एंड्रायड फोन इस्तेमाल करते हों ऐसे कई शॉर्टकट्स ट्रिक्स हैं जिन्हें आप नहीं जानते होंगे. ये शोर्टकट्स हर एंड्रायड यूजर  की जरुरत होती है.

यदि आप भी एंड्रायड यूजर  हैं तो इन शॉर्टकट्स को अच्छे से जान लीजिए. आपको इनकी जरुरत कभी भी भी पड़ सकती है. इन शॉर्टकट्स की बदौलत आपका मिनटों का काम सेकंड्स में पूरा हो जाएगा.

1. बाईपास अनलॉकिंग

इस फीचर के जरिए आपके फोन को पता होगा कि कब फोन का अनलॉक होना सेफ है. साथ ही उस समय यह अनलॉक रहेगा. एक बार जब आप विश्वसनीय स्थान, डिवाइस और वॉईस एड कर लेंगे तब जब भी आपको फोन में कुछ करना हो आप पिन, पैटर्न या पासवर्ड जो स्किप कर पाएंगे.

2. टेक्स्ट से करें कॉल रिजेक्ट

आपका फोन कॉलर्स को खुद बता सकता है कि आप कॉल का जवाब नहीं दे सकते हैं. इसके लिए आप सेटिंग एप में जाकर कॉल पर जाएं, फिर सेट रिजेक्ट मेसेज, क्रिएट, अब टेक्स्ट लिखकर सेव कर दें. अब आप जब भी कॉल रिजेक्ट करना चाहें इस मेसेज का इस्तेमाल कर सकते हैं.

3. 'ओके गूगल'

अब आप ओके गूगल से कहीं भी कुछ भी पूछ सकते हैं. इसके लिए आप गूगल सर्च एप में जाकर ओके गूगल का इस्तेमाल कर सकते हैं.

4. कांटेक्ट विजेट

जिन लोगों को आप अधिक कॉल करते हों उनके कांटेक्ट को होम स्क्रीन पर सेव कर लें इससे आपको एड्रेस बुक में उस कांटेक्ट को नहीं ढूंढना होगा.

5. कैमरा

कई बार हमें जल्दी से कोई फोटो लेनी होती है. लेकिन फोन का लॉक अनलॉक कर एप्स में जाकर कैमरा ऑन करने तक में सारा सीन ख़राब हो जाता है. इसलिए अब एंड्रायड फोन में आप तुरंत ही कैमरा ऑन कर सकते हैं. लॉक स्क्रीन होने पर भी आपको कैमरे का ऑप्शन दिखेगा उसे लेफ्ट स्वाइप करें, कैमरा ऑन हो जाएगा. यह विकल्प एंड्रायड फोन अलग अलग हो सकता है.

9 गुना बढ़ा अमेजन का प्रॉफिट

दूसरे क्वार्टर में ऑनलाइन कंपनी अमेजन का प्रॉफिट 9 गुना बढ़ा है. इस दौरान अमेजन का प्रॉफिट 85.7 करोड़ डॉलर (5,742 करोड़ रुपए) रहा. क्लाउड सर्विस के विस्तार के कारण कंपनी के प्रॉफिट में तेजी देखने को मिल रही है. यह कंपनी का अभी तक का सबसे शानदार प्रदर्शन रहा है.

रेवेन्यू में 31% की बढ़ोतरी

कंपनी के रेवेन्यू भी उम्मीद से बेहतर रहे हैं. दूसरे क्वार्टर में कंपनी का रेवेन्यू 31 फीसदी बढ़कर 3,040 करोड़ डॉलर (2 लाख करोड़ रुपए) दर्ज किया गया. कंपनी अपने रिटेल बिजनेस में कम या बिना प्रॉफिट की रणनीति पर काम कर रही है. कंपनी के रेवेन्यू बढ़ने का कारण विडियो और न्यू डिलिवरी सर्विस है इसके अलावा कंपनी अपनी क्लाउड कंप्युटिंग यूनिट को भी बढ़ा रही है.

सीईओ ने भारतीय ग्राहकों की तारीफ की

अमेजन के सीईओ जेफ बेजोस ने भारत में अपने बढ़ते कारोबार के लिए भारतीय ग्राहकों का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि हम अपने कारोबार के रेस्पॉन्स के लिए भारतीय ग्राहकों का धन्यवाद करते हैं. 

दूसरे टेस्ट से पहले टीम इंडिया को बड़ा झटका

टीम इंडिया ने वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जा रही चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त हासिल कर ली है. भारतीय टीम को दूसरा टेस्ट शरू होने से पहले बड़ा झटका लगा है. भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज मुरली विजय चोट के चलते दूसरे टेस्ट से बाहर हो गए हैं. उनकी जगह के एल राहुल को टीम में शामिल किया जा सकता है.

भारत ने पहला टेस्ट एक पारी और 92 रनों से जीता था. पहले टेस्ट में सलामी बल्लेबाज मुरली विजय की उंगली में शैनन गैब्रियल की उछाल लेती गेंद लग गई थी, और मुरली विजय आउट हो गए थे.

मुरली विजय की चोट गंभीर बताई जा रही है, और उनके आगे के मैचों में भी खेलने पर संदेह जताया जा रहा है. आज से भारत-वेस्टइंडीज के बीज दूसरा टेस्ट मैच खेला जाएगा. अभ्यास मैच में राहुल ने शानदार बल्लेबाजी की थी.

सबीना पार्क की पिच तेज गेंदबाजों के लिए मददगार मानी जाती है. ऐसे में भारतीय टीम के अनुभवी बल्लेबाज मुरली विजय का चोटिल होना कप्तान विराट के लिए चिंता का कारण बन सकता है.

उल्लेखनीय है कि विजय ने 38 टेस्ट मैचों में 40.56 के औसत के साथ 2637 रन बनाये हैं. उन्होंने छह शतक तथा 12 अर्धशतक जमाए हैं. दूसरी तरफ वेस्टइंडीज ने इस मैच के लिए 19 वर्षीय युवा तेज गेंदबाज अल्जारी जोसेफ को टीम में शामिल किया है.

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