आपके वाट्सऐप मैसेज नहीं या पोस्ट  सरकार तक नहीं जाएगी. वाट्सऐप का कहना है कि यह प्रिवेसी और अभिव्यक्ति की आजादी के अधिकार का उल्लंघन होगा. इसलिए वह सरकार के इससे संबंधित प्रस्तावित नियमों का विरोध करेगी. सोशल मीडिया कंपनी के इस रुख की जानकारी सूत्रों ने दी है.

सरकार उठा सकती है ये कदम

सरकार लोकसभा चुनाव के बाद इस मामले में दिशानिर्देश जारी कर सकती है. इसके मुताबिक, अगर सोशल मीडिया कंपनियों या मेसेजिंग ऐप के कर्मचारी यह नहीं बताते कि ऐसी पोस्ट कहां से शुरू हुई तो कंपनी पर जुर्माना लगाने और कर्मचारियों को जेल भेजने के प्रावधान हो सकते हैं.

'सरकार की मांग पूरा करना मुश्किल'

एक सूत्र ने बताया, ‘वाट्सऐप को लगता है कि प्रस्तावित नियमों का दायरा बहुत बड़ा है. ये प्रिवेसी यानी निजता के अधिकार के भी खिलाफ हैं, जो दुनिया में सभी लोगों के लिए काफी अहमियत रखते हैं।’ सूत्र के मुताबिक, ‘सरकार जो मांग कर रही है, उसे पूरा करना मुश्किल है क्योंकि कंपनी यूजर्स को एंड टु एंड एनक्रिप्शन औफर करती है.’ कोई पोस्ट कहां से शुरू हुई, इसकी जानकारी देने के लिए उसे नया प्रोडक्ट बनाना पड़ेगा.

सरकार का विरोध जारी रखेगी कंपनी

फेसबुक के मालिकाना हक वाली वाट्सऐप ने बताया कि गोपनीयता उसकी सेवा का एक अहम पहलू है. एक अन्य सूत्र ने कहा, ‘कंपनी इस मामले में सरकार का विरोध जारी रखेगी क्योंकि उसे लगता है कि इन नियमों से एनक्रिप्शन फीचर कमजोर होगा. इस खबर को लेकर पूछे गए सवालों के वॉट्सऐप ने जवाब नहीं दिए। हालांकि, उसका मानना रहा है कि यूजर्स के पर्सनल डेटा को स्टोर करना प्लेटफौर्म के बुनियादी स्वभाव से मेल नहीं खाता। वॉट्सऐप को इसलिए बनाया गया था ताकि यूजर्स के बीच आपसी बातचीत गोपनीय रहे.

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