कंप्यूटर की ही तरह स्मार्टफोन में भी सुरक्षा से सम्बंधित कई परेशानियां आती हैं. अब तक एंड्रौयड पर वायरस के कई हमले भी हो चुके हैं. ऐसा माना जाता है की एंड्रौयड स्मार्टफोन्स के मुकाबले ऐप्पल का आईओएस कहीं अधिक सुरक्षित है. लेकिन हर स्मार्टफोन में यह खतरा होता ही है. पिछले साल सितंबर में आई एक रिपोर्ट के अनुसार एंड्रौयड प्लेटफार्म पर 30 प्रतिशत से ज्यादा रैनसमवेयर पाए गएं. इसी के साथ 10 मिलियन एंड्रौयड ऐप्स को सस्पीशियस की कैटेगरी में डाला गया.
अब, जब मोबाइल मालवेयर बढ़ रहे हैं, यूजर्स को यह सुनिश्चित करना जरुरी है की उनका फोन सुरक्षित हो. इन तरीकों को अपनाकर आप अपने मोबाइल को सुरक्षित रख सकते हैं.
फोन को रखें लौक : फोन लौक लगाने से सिर्फ डिवाइस सुरक्षित नहीं रहती बल्कि इससे दूसरे लोग आपके फोन के जरुरी डाटा को एक्सेस भी नहीं कर पाते. कुछ सालों पहले डिवाइस को लौक करना थोड़ा मुश्किल या लम्बा काम लगता था. लेकिन अब फिंगरप्रिंट सेंसर और फेस अनलौक जैसी टेक्नोलौजी के चलते फोन को सुरक्षित रखना और भी आसान हो गया है. इसी के साथ फोन के रीस्टार्ट होने पर भी पहले पिन लौक जरुर डाल के रखें.
औपरेटिंग सिस्टम को रखें अपडेट : एंड्रौयड यूजर्स में औपरेटिंग सिस्टम को अपडेट ना रखने की आदत है. एंड्रौयड का सबसे आम औपरेटिंग सिस्टम नौगट 7 का फरवरी 2018 तक मात्र 28.5 फीसद मार्किट शेयर रहा है. ऐप्पल यूजर्स के मामले में यह परिस्थिति थोड़ी बेहतर है. आईओएस के लेटेस्ट वर्जन 11.2 का मार्किट शेयर 70 फीसद है.
कई एंड्रौयड यूजर्स को उनके हैंडसेट पर लेटेस्ट अपडेट्स ना मिलने की भी शिकायत रहती है. इससे यूजर्स के फोन्स आसानी से वायरस की चपेट में आ सकते हैं. इस स्थिति में अगर आपके मोबाइल पर लम्बे समय से अपडेट नहीं आ रहे हैं तो या तो आप कस्टमर केयर सेंटर जा के इसका कुछ निवारण निकालें या अपना हैंडसेट बदलने की योजना बनाएं. इसी के साथ नया स्मार्टफोन खरीदते समय ऐसा हैंडसेट खरीदें जिस पर अपडेट्स मिलती हों.