दुनियाभर में बहुत से लोग पॉर्न देखते है. और आज के समय को देखते हुए सेक्स एजुकेशन को महत्व भी दिया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक पॉप्युलर पॉर्न साइट पॉर्नहब का ने दावा किया है कि लोगों ने 2016 में कुल 4,392,486,580 घंटे साइट पर पॉर्न देखा. यह तो एक वेबसाइट का आंकड़ा है, ऐसी बहुत सी वेबसाइट्स इंटरनेट पर है जहां लोग पॉर्न देखते हैं. भले ही लोग गुपचुप यह काम करते हैं मगर यह बात पूरी तरह से गुप्त नहीं रहती.

आमतौर पर लोग इनकॉग्निटो मोड पर पॉर्न देखते हैं. मगर इससे इतना ही होता है कि पॉर्न साइट्स का लिंक ब्राउजिंग हिस्ट्री में नहीं आता. पॉर्न देखने में कई तरह के रिस्क हैं और खासकर स्मार्टफोन से पॉर्न देखने पर. विशेषज्ञों की सलाह पर अब ऐसे तरीके अपनाए जा रहे हैं जिससे पॉर्न देखने की रिस्क कम हो जाती है. अब वर्तमान समय में प्राइवेट एंटरटेनमंट को सेफ बनाने के लिए क्या कर रहे हैं लोग.

पॉर्न के लिए अलग ब्राउजर

ज्यादातर ब्राउजर आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री नोट करते हैं और फिर बाद में उससे संबंधित विज्ञापन दिखाने लगते हैं. जिस ब्राउजर पर आप सामान्य काम करते हैं, उसी पर पॉर्न देखेंगे तो हो सकता है कि बाद में कुछ वैसे वाले विज्ञापन दिखने लगें. इससे कभी आप दूसरों के सामने शर्मिंदा भी हो सकते हैं. क्लाउड से सिंक होने की वजह से मोबाइल की ब्राउजिंग हिस्ट्री से रिलेटेड ऐड आपको डेस्कटॉप पर भी दिख सकते हैं.

इसकी काट निकालते हुए अब लोग अक्सर पॉर्न देखने के लिए अलग ब्राउजर इस्तेमाल करने लगे हैं. इनको वे पॉर्न देखने के लिए इस्तेमाल करते हैं और दूसरे को अन्य कामों में. जैसे कि मुख्य कामों के लिए वे क्रोम इस्तेमाल करते हैं और प्राइवेट एंटरटेनमेंट के लिए iOS पर Firefox और ऐंड्रॉयड पर Krypton Web Browser इस्तेमाल करते हैं.

ऐप्स के बजाय वेबसाइट्स पर करते हैं ब्राउज

आजकल हर जरूरत के लिए ऐप उपलब्ध है और पॉर्न भी उनमें से एक है. iOS यूजर्स को तो टेंशन लेने की जरूरत नहीं है क्योंकि ऐप स्टोर को लेकर ऐपल ने बहुत कड़े नियम बनाए हैं. मगर गूगल प्ले स्टोर पर ऐसे कई ऐप्स मिल जाते हैं जो पॉर्न दिखाने का दावा करते हैं. ये ऐप्स न सिर्फ घटिया कन्टेंट देते हैं बल्कि इनमें वाइरस भी हो सकता है. ऐसे में एक्सपर्ट्स सलाह की सलाह पर लोग इस तरह के संदिग्ध ऐप्स पर जाने के बजाय ब्राउजर के जरिए सुरक्षित वेबसाइट्स पर जा रहे हैं.

ऐंटी-वाइरस ऐप के बिना नहीं लेते रिस्क

सिक्यॉरिटी ऐप्स वैसे तो स्मार्टफोन्स वगैरह को थोड़ा स्लो कर देते हैं मगर पॉर्न देखने वालों के लिए जरूरी है कि वे अपने फोन में इन्हें रखें. क्योंकि यह नहीं पता होता कि कौन सी पॉर्न साइट बैकग्राउंड पर वाइरस की चपेट में ले सकती है. एक तरफ कोई पॉर्न देख रहा होगा और पीछे से कोई वाइरस उसकी पर्सनल जानकारी चुरा रहा होगा. पॉर्न देखने वाले इस स्थिति से बचने में ऐंटी वाइरस ऐप्स की मदद लेते हैं.

वीपीएन से करते हैं सिक्यॉर ब्राउजिंग

वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क(VPN) बहुत से लोग पॉर्न देखने के लिए VPN इस्तेमाल करते हैं क्योंकि अगर कोई वेबसाइट यूजर का आईपी ट्रैक करने की कोशिश करेगी तो उसे सही अड्रेस नहीं मिलेगा. वीपीएन की मदद से किसी और नेटवर्क लोकेशन के जरिए सुरक्षित सर्फिंग की जा सकती है. ऐंड्रॉयड और iOS दोनों के ऐप स्टोर्स पर बहुत से VPN ऐप्स उपलब्ध हैं. पॉर्न देखने वालों के लिए ये ऐप्स इसलिए भी फायदेमंदर हैं क्योंकि वे उन वेबसाइट्स को भी ऐक्सेस कर सकते हैं, जो उनकी देश में ब्लॉक हैं.

विकल्प बनकर उभरा Reddit

रेडिट पॉर्न लवर्स के बीच भी लोकप्रिय है. इसमें अडल्ट कम्यूनिटी में कुछ ऐसे थ्रेड्स होते हैं जहां पर लोग पर लोग लेटेस्ट पॉर्न देखने जाते हैं. इसमें हर तरह की कैटिगरी का पॉर्न देखा जा सकता है. लोग इसे इसलिए पसंद करते हैं क्योंकि वे अपनी रेग्युलर आईडी यूज करने के बजाय गुप्त रहकर भी प्राइवेट एंटरटेनमंट हासिल कर लेते हैं.

फोन पर डाउनलोड करना खतरनाक

अगर कोई पॉर्न देखने वाला ऐसी जगह रहता है जहां इंटरनेट कवरेज कमजोर है तो अक्सर वह कोशिश करता है कि फास्ट इंटरनेट मिलने पर विभिन्न वेबसाइट्स से फ्री कन्टेंट डाउनलोड कर ले. मगर ऐसा करना कभी-कभी मुश्किल में भी फंसा सकता है.

विशेषज्ञों का मानना है कि कन्टेंट को डाउनलोड करना खतरनाक है क्योंकि विडियो फाइल के नाम पर खतरनाक मैलवेयर भी इंस्टॉल हो सकता है. यह मैलवेयर पासवर्ड्स या अन्य संवेदनशील जानकारियों को चुरा सकता है. इसलिए अब पॉर्न लवर्स कन्टेंट को डाउनलोड करने के बजाय स्ट्रीमिंग करने को प्राथमिकता दे रहे हैं.

पॉप्युलर साइट्स पर भरोसा

लोग अब पर्नसल एंटरटेनमेंट के लिए पॉप्युलर वेबसाइट्स को ही ब्राउज करने लगे हैं. ये वेबसाइट्स अपने ग्राहकों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखती हैं और HTML5 टेक्नॉलजी इस्तेमाल करती हैं. इससे फोन पर मैलवेयर या कूकीज नहीं जाते. अन्य वेबसाइट्स पर खतरा इसलिए ज्यादा होता है क्योंकि वे हैकर्स का बिछाया हुआ जाल हो सकती हैं.

पढ़कर भी किया जा रहा है मनोरंजन

एक दौर था जब पॉर्न नहीं होता था तो लोग उत्तेजक साहित्य पढ़ा करते थे. अब भी बहुत सारे नॉवल्स ऐसे आते हैं जो रोमांस से भरपूर होते हैं. इसलिए डिजिटल टाइम से कुछ वक्त तक दूर होकर लोग इस तरह का कन्टेंट पढ़ना पसंद कर रहे हैं. इसीलिए पिछले कुछ वक्त से इस तरह का कन्टेंट देने वाली वेबसाइट्स तेजी से ग्रो कर रही हैं. इसका फायदा यह भी है कि यूजर्स भीड़ में भी मजेदार कन्टेंट पढ़कर अपना मनोरंजन कर सकते हैं और कोई शक भी नहीं कर सकता.

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