क्या आप जानते हैं की दिल्ली की जान दिल्ली मेट्रो इस साल के अंत तक अपने थर्ड फेज में बिना ड्राइवर के ही पटरियों पर दौड़ती दिखेगी. बिना ड्राईवर के चलने वाली यह मेट्रो कम्यूनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल सिस्टम (सीबीटीसी) तकनीक पर आधारित  होगी. दुनिया के कई शहरों में बिना ड्राइवर वाली ट्रेन चल रही हैं लेकिन दिल्ली वालों के लिए यह पहला मौका होगा, जब दिल्ली वाले बिना ड्राइवर की ट्रेन में सफ़र करने का आनंद उठा सकेंगे. साल के अंत तक ये ट्रेन पश्चिमी जनकपुरी से बॉटेनिकल गार्डेन तक करीब 37 किलोमीटर और शिव विहार से मजलिस पार्क करीब 57 किलोमीटर तक चलेगी.

बुधवार को पहली बार इस मेट्रो को मुकुंदपुर डिपो में बिना ड्राइवर के चलाया गया. दक्षिण कोरिया से आई छह डिब्बों की इस मेट्रो ट्रेन की औसत रफ्तार और इसके डिब्बों की चौड़ाई भी आम मेट्रो ट्रेन से ज्यादा है. जहाँ आम मेट्रो के डिब्बों की चौड़ाई 2.9 मीटर है, वहीं हाईटेक ट्रेन के डिब्बों की चौड़ाई 3.2 मीटर है. इसकी फ्रिक्वेंसी भी दूसरी लाइन की मेट्रो से ज्यादा होगी, क्योंकि इसकी औसत रफ्तार 5 किमी/घंटा ज्यादा है. चौड़ाई ज्यादा और ड्राइवर केबिन हटने से इसमें 280 लोग ज्यादा बैठ भी सकते है. यही नहीं इसमें सीटें भी ज्यादा देने की कोशिश की गई है और यह वाईफाई कनेक्शन से भी लैस होगी इन खास ट्रेनों से 33 फीसदी बिजली की कम खपत होगी.

स्पीड के अलावा इनके अंदर का लुक भी बदला हुआ नजर आएगा. हर कोच में अलग-अलग रंग की सीट होंगी. लेडीज कोच की सीट्स पिंक कलर में रखी गई हैं. जबकि नॉर्मल कोच में ब्लू, रेड और ऑरेंज कलर की सीट होंगी. इनके अंदर जगह ज्यादा होगी. यही नहीं अंदर एलसीडी स्क्रीन भी लगे होंगे. जो आपको आने वाले स्टेशन और ट्रेन रूट की जानकारी देंगे. थर्ड फेज में इन ट्रेनों को मजलिस पार्क-शिव विहार और जनकपुरी पश्चिम-बॉटनिकल गार्डन के रूट पर चलाया जाएगा.

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