पूरी दुनिया में तहलका मचाने वाले रैंसमवेयर 'वानाक्राई' के बाद अब एक नए वाइरस का पता चला है. एक ग्लोबल साइबरसिक्यॉरिटी फर्म ने दावा किया है कि एक और साइबर अटैक हुआ है और इसका प्रभाव वानाक्राई से भी ज्यादा है. सिक्यॉरिटी फर्म का कहना है कि यह नया वाइरस उन्हीं खामियों का फायदा उठाता है जिनके जरिए वानाक्राई रैनसमवेयर अटैक कर रहा है.
शुक्रवार को वानाक्राई अटैक का पता चलने के बाद 'प्रूफपॉइंट' के रिसर्चर्स ने पाया कि इसके साथ एक और वाइरस अटैक हुआ है. इस कंप्यूटर सिक्यॉरिटी फर्म में रिसर्चर निकलस गोडियर ने कहा कि इस वाइरस का नाम Adylkuzz है. उन्होंने कहा कि NSA ने जिन हैकिंग टूल्स की पहचान की है, यह वाइरस उन्हीं को इस्तेमाल करता है. नया वाइरस न सिर्फ खामोशी से काम करता है बल्कि इसे बनाने का मकसद भी अलग है.
रिसर्चर्स का कहना है कि यह वाइरस इन्फेक्टेड कंप्यूटर को पूरी तरह से डिसेबल करने या फिर डेटा को एनक्रिप्ट करके फिरौती मांगने के बजाय वर्चुअल करंसी 'Monero' की 'माइन' को इन्फेक्ट करता है और सारी करंसी को वाइरस बनाने वालों के पास ट्रांसफर कर देता है.
Monero और Bitcoin जैसी वर्चुअल करंसीज ट्रांजैक्शंस को रिकॉर्ड करने के लिए वॉलन्टियर्स के कंप्यूटर्स को इस्तेमाल करती हैं. इन कंप्यूटर्स को करंसी के लिए 'mine' कहा जाता है और कई बार इन ट्रांजैक्शंस के बदले वॉलंटियर्स को कुछ हिस्सा ईनाम के तौर पर दिया जाता है. यह वाइरस रिवॉर्ड के रूप में मिली इसी वर्चुअल करंसी को उड़ा रहा है.
प्रूफप्वॉइंट (Proofpoint) ने ब्लॉग में लिखा है कि इस वाइरस का अटैक होने पर विंडोज रिसोर्सेज को ऐक्सेस करने में दिक्कत आती है, साथ ही सर्वर और कंप्यूटर की परफॉर्मेंस घट जाती है. इन संकेतों को बहुत से कंप्यूटर यूजर्स तुरंत नोटिस कर सकते हैं. ब्लॉग में कहा गया है कि चूंकि यह चुपके से काम करता है, इसलिए Adylkuzz अटैक साइबर क्रिमिनल्स के लिए बहुत फायदेमंद है. यह इन्फेक्टेड यूजर से चुपके से पैसे कमाता रहता है.'