नए लैपटाप न सिर्फ स्लिम, स्टाइलिश, हल्के और पावरफुल होते हैं, बल्कि हर वह कार्य करने में सक्षम होते हैं, जो पहले सिर्फ डेस्कटाप पर ही हो पाते थे. मगर लैपटाप पुराना हो जाए, तो फिर अक्सर लोग इसके धीमा हो जाने की शिकायत करते हैं. हालांकि कुछ तरीके हैं, जिनकी मदद से पुराने लैपटाप को भी फास्ट बनाया जा सकता है.
सी ड्राइव रखें खाली: यदि आप ब्रांडेड कम्प्यूटर लेते हैं, तो उसमें सिर्फ सी ड्राइव ही होती है. मगर सुरक्षा की दृष्टि से कई लोग हार्ड ड्राइव में पार्टिशन बना देते हैं. सी ड्राइव में विंडोज आपरेटिंग सिस्टम और डी, ई, एफ आदि में डाटा रखते हैं. ड्राइव का पार्टिशन करना अच्छा है, क्योंकि साफ्टवेयर में कुछ परेशानी आती है, तो आपका डाटा बच जाएगा. हालांकि सी ड्राइव को जितना खाली रखेंगे, लैपटाप उतना ही बेहतर कार्य करेगा. यह तेजी से आन होगा और परफार्मेंस भी स्मूद रहेगा.
टेंपरेरी फाइल्स करें डिलीट: लैपटाप पर कार्य करने के दौरान टेंपरेरी फाइल्स बनती हैं. इनमें कुछ तो डाक्यूमेंट बंद करने के साथ ही नष्ट हो जाती हैं लेकिन कुछ लैपटाप में स्टोर हो जाती है. ये फाइलें सी ड्राइव में स्टोर होती हैं, जो ज्यादा भरने पर लैपटाप को धीमा करती हैं. इसलिए इन्हें सर्च करके नष्ट कर दें, तो बेहतर होगा.
डिस्क करें क्लीन: अपने लैपटाप की सी ड्राइव के अलावा बाकी डिस्क भी क्लियर रखें, तो बेहतर होगा. इसके लिए लैपटाप के ‘रन” में जाकर (कीबोर्ड से कंट्रोल और आर को एक साथ प्रेस करेंगे, तो भी रन आ जाएगा) आप बनी cleanmgr.exe लिखकर एंटर करेंगे, तो डिस्क क्लीन हो जाएगी.
स्टार्टअप एप्स करें बंद: कई एप्स ऐसे होते हैं, जो लैपटाप स्टार्ट होने के साथ ही आन हो जाते हैं. इन्हें स्टार्टअप एप्स कहते हैं. ये एप्स लैपटाप के स्टार्ट को और धीमा कर देते हैं. ऐसे में इनमें से जो एप्स आपके काम के नहीं हैं, उन्हें डिसएबल कर दें. इसके लिए विंडोज पीसी के रन में जाएं और वहां msconfig टाइप करें. अब जब सिस्टम कॉन्फिग्रेशन ओपन होगा, तो आपको सर्विस पर क्लिक करना है और उन सभी एप्स को अनचेक करना है, जिनका आप उपयोग नहीं करते.
माइक्रोसाफ्ट फिट इट: कम्प्यूटर और लैपटाप के लिए माइक्रोसाफ्ट का ही एक टूल है माइक्रोसाफ्ट फिट इट. यह लैपटाप के परफार्मेंस को बेहतर बनाता है. यह मुफ्त में उपलब्ध है. इसे डाउनलोड कर रन करने पर न सिर्फ लैपटाप का परफार्मेंस स्मूद होगा, बल्कि स्पीड भी बढ़ जाएगी.
कैश-कुकीज करें क्लीन: जब आप इंटरनेट ब्राउज करते हैं, तो बहुत सारा डाटा कैश के रूप में सेव होता रहता है. इसके अलावा कुकीज और हिस्ट्री भी सेव होते रहते हैं. जब ये ब्राउजिंग को धीमा करने लगें, तो ब्राउजर से कैश को क्लीन करते रहना बेहतर होता है.
ओएस व एप्स रखें अपडेट: समय-समय पर विंडोज आपरेटिंग सिस्टम का अपडेट आता है. आप कोशिश करें कि आपरेटिंग सिस्टम को हमेशा अपडेट रखें. हालांकि कई लोग पीसी को फास्ट करने के लिए सिस्टम अपडेट को बंद कर देते हैं लेकिन इससे नुकसान ही होता है. इससे सिस्टम की सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है. इसके अलावा लैपटाप में जो साफ्टवेयर्स हैं, उन्हें भी अपडेट रख पायरेटेड साफ्टवेयर से रहें दूर विंडोज पीसी के लिए पायरेटेड साफ्टवेयर की भरमार है. ये लैपटाप को धीमा करते हैं. एक साफ्टवेयर के साथ कई दूसरे साफ्टवेयर भी डाउनलोड हो जाते हैं और लैपटाप को नुकसान पहुंचाते है.
लैपटाप को करें रीस्टार्ट: कई लोग अपने लैपटाप को महीनों तक हाइबरनेट पर ही रखते हैं. कुछ दिन तक तो यह ठीक है लेकिन जब महीने भर तक हाइबरनेट पर ही रखते हैं, तो उससे परफार्मेंस पर फर्क पड़ता है. इसलिए कोशिश करें कि कुछ दिनों के अंतराल पर लैपटाप को पूरी तरह शट-डाउन कर रीस्टार्ट करें. इससे परफार्मेंस ठीकहो जाता है.
सीसी क्लीनर: विंडोज लैपटाप पीसी के लिए सीसी क्लीनर बहुत अच्छा साफ्टवेयर है और यह आपके पीसी के परफार्मेंस को भी बेहतर करता है. सबसे अच्छी बात यह है कि सीसी क्लीनर पूरी तरह से मुक्त है. इसलिए इसे अपने लैपटाप में जरूर रखें और समय-समय पर रन करते रहें.