Onlinne Hindi Story 2025 : पहली मुलाकात के बाद जिस तरह पुरवा और सुहास का प्यार परवान चढ़ा उसे देखते हुए पुरवा सुहास में एक बेहतर जीवनसाथी होने के सारे गुण ढूंढ़ने लगी, लेकिन क्या सुहास उस की उम्मीदों पर खरा उतर पाया?
उस दिन बस में बहुत भीड़ थी. कालिज पहुंचने की जल्दी न होती तो पुरवा वह बस जरूर छोड़ देती. उस ने एक हाथ में बैग पकड़ रखा था और दूसरे में पर्स. भीड़ इतनी थी कि टिकट के लिए पर्स से पैसे निकालना कठिन लग रहा था. वह अगले स्टाप पर बस रुकने की प्रतीक्षा करने लगी ताकि पर्स से रुपए निकाल कर टिकट ले सके. बस स्टाप जैसे ही निकट आया कि अचानक किसी ने पुरवा का पर्स खींचा और चलती बस से कूद गया. पुरवा जोरजोर से चिल्ला पड़ी, ‘‘मेरा पर्स, अरे, मेरा पर्स ले गया. कोई पकड़ो उसे,’’ उस के स्वर में बेचैनी भरी चीख थी.
पुरवा की चीख के साथ ही बस झटके से रुक गई और लोगों ने देखा कि तुरंत एक युवक बस से कूद कर चोर के पीछे भागा.
‘‘लगता है यह भी उसी चोर का साथी है,’’ बस में एकसाथ कई स्वर गूंज उठे.
बस रुकी हुई थी. लोगों की टिप्पणी बस में संवेदना जता रही थी. एक यात्री ने कहा, ‘‘क्या पता साहब, इन की पूरी टोली साथ चलती है.’’
तभी नीचे हंगामा सा मच गया. बस से कूद कर जो युवक चोर के पीछे भागा था वह काफी फुर्तीला था. उस ने भागते हुए चोर को पकड़ लिया और उस की पिटाई करते हुए बस के निकट ले आया.
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