तान्या को उस के एडिटर ने इंदौर में हुए ट्रिपल मर्डर की घटना को कवर करने का जिम्मा सौंपा था. कातिल की तलाश में छानबीन करती तान्या की अपने जीवनसाथी की तलाश पूरी हो जाएगी, यह भला कौन जानता था. इंदौर का ट्रिपल मर्डर केस अखबारों में छाया हुआ था. उस में 3 पीढि़यों की महिलाओं की हत्या की गई थी- नानी, मां और बेटी की. रिपोर्टरों में होड़ मची थी अपनेअपने चीफ एडिटर को इंप्रैस करने की. इंदौर शहर के हर व्यक्ति का दिल कांप गया था इतना भयानक हत्याकांड देख कर. तान्या को भी चीफ एडिटर अमर ने इसी ट्रिपल मर्डर केस का काम सौंपा हुआ था.
तान्या को चिढ़ थी क्राइम रिपोर्टिंग से लेकिन चीफ एडिटर का और्डर मानना ही था. चीफ एडिटर अमर का और्डर था कि फोटोग्राफर सोमेश के साथ तान्या इस पर काम करे और ट्रिपल मर्डर केस में हर दिन की खबर पर नजर रखे, बाकी सब काम छोड़ दे. वे दोनों इस केस के पीछे लगे थे. पुलिस से भी संपर्क में बने हुए थे. अपराधी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर थे. आज वह अब तक की पूरी रिपोर्ट तैयार करने के साथ उस को फाइनल चैक भी करना चाहती थी. तान्या बड़ी गंभीरता से इस काम में लगी थी. सोमेश ने उसे कौफी पीने के लिए कहा भी कि कौफी पी कर आते हैं, फिर काम करते हैं. लेकिन तान्या ने मना कर दिया था. पहले काम, फिर कौफी. सोमेश अकेला ही प्रैस की कैंटीन में चला गया था. तान्या को हैडलाइन नहीं सू?ा रही थी, खबर की हैडलाइन क्या दे.