Top 10 very short stories in hindi : सरिता डिजिटल लाया है लेटेस्ट बहुत छोटी कहानियां. तो पढ़िए वो छोटी-छोटी कहानियां. जिन्हें पढ़ने के बाद आपको अच्छा तो महसूस होगा ही. साथ ही आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा. दरअसल ‘सरिता पत्रिका’ मनुष्य जीवन की हर एक परेशानी को भली भांति समझती व महसूस करती हैं. इसलिए इसमें लिखित कहानियों को पढ़ने के बाद आप अपनी हर समस्या का हल निकाल सकते हैं.
Special short stories in hindi : जीवन की परेशानियों के किस्से
1. रिश्ते की बूआ : दिल से जुड़े रिश्तों की मार्मिक कहानी
इस बार मैं अपने बेटे राकेश के साथ 4 साल बाद भारत आई थी. वे तो नहीं आ पाए थे. बिटिया को मैं घर पर ही लंदन में छोड़ आई थी, ताकि वह कम से कम अपने पिता को खाना तो समय पर बना कर खिला देगी. पिछली बार जब मैं दिल्ली आई थी तब पिताजी आई.आई.टी. परिसर में ही रहते थे. वे प्राध्यापक थे वहां पर 3 साल पहले वे सेवानिवृत्त हो कर आगरा चले गए थे. वहीं पर अपने पुश्तैनी घर में अम्मां और पिताजी अकेले ही रहते थे. पिताजी की तबीयत कुछ ढीली रहती थी, पर अम्मां हमेशा से ही स्वस्थ थीं. वे घर को चला रही थीं और पिताजी की देखभाल कर रही थीं.
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2. आंधी से बवंडर की ओर : क्या सोनिया अपनी बेटी को मशीनी सिस्टम से निजात दिला पाई ?
फन मौल से निकलतेनिकलते, थके स्वर में मैं ने अपनी बेटी अर्पिता से पूछा, ‘‘हो गया न अप्पी, अब तो कुछ नहीं लेना?’’ ‘‘कहां, अभी तो ‘टी शर्ट’ रह गई.’’ ‘‘रह गई? मैं तो सोच रही थी...’’ मेरी बात बीच में काट कर वह बोली, ‘‘हां, मम्मा, आप को तो लगता है, बस थोडे़ में ही निबट जाए. मेरी सारी टी शर्ट्स आउटडेटेड हैं. कैसे काम चला रही हूं, मैं ही जानती हूं...’’ सुन कर मैं निशब्द रह गई. आज की पीढ़ी कभी संतुष्ट दिखती ही नहीं. एक हमारा जमाना था कि नया कपड़ा शादीब्याह या किसी तीजत्योहार पर ही मिलता था और तब उस की खुशी में जैसे सारा जहां सुंदर लगने लगता.