पिछले महीने तो वह कोचिंग की फीस और बुक्स के बहाने से पापा से रुपये ले आया था ... वह भी निया का कैसा दीवाना बन गया है... अम्मा बेचारी के चेहरे पर कितनी मायूसी छा गई थी , वह आंखों में आंसू भर कर बोलीं थीं ...’मुन्ना तुम पढ लिख कर कलक्टर बन जाओ तो हम सबन की जिन्दगी संवर जाये. तुम्हारे पापा का सपना भी पूरा होय जाये.‘
उसके चेहरे पर पश्चाताप था ...वह इतना नालायक है कि जनाब ,एक लड़की के साथ इश्क फरमा रहे है...
लानत है ,कुणाल तुझ पर...उन क्षणों में उसने मन ही मन निश्चय कर लिया था कि वह अब निया से दूरी बना लेगा.
परंतु ‘My Vallentine’ देखते ही सब कुछ भूल कर अमेजन की साइट पर गिफ्ट ढ़ूढने में मशगूल हो गया.
वह निया के सपने में खोया हुआ, कल पैसे की जुगाड़ कैसे करेगा , इस उधेड़बुन में लगा रहा... अंत में निश्चय किया कि असलम से 1000 रु लूंगा तब काम चलेगा. लॆकिन उसकी आंखों से नींद उड़ी हुई थी. एक एक करके क्लास के कई लड़कों से वह रुपया मांग चुका है , जब भी लौटाने के लिये सोचता है , उसी समय निया का कोई ऐसा जरूरी काम सामने आ जाता है कि उसको खुश करने के चक्कर में पहले से ज्यादा खर्च हो जाता है. सोचते सोचते वह जाने कब नींद के आगोश में चला गया था.
पूरा क्लास जब उसका नाम निया के साथ जोड़ता है तो। वह गर्व से अपनी कॉलर ऊंची कर लेता है. निया जैसी सुंदर स्मार्ट लड़की उसकी गर्ल फ्रेन्ड है , सोचकर उसके चेहरे पर मुस्कुराहट छा जाती है.