लेखिका - रीशा गुप्ता 

Romantic Story In Hindi : जेनिफर फ्रांस की थी लेकिन भारतीय संस्कृति से प्रभावित हो यहीं की हो कर रह गई. रिश्तों की समझ थी उसे तभी तो केतन की दिल की भावनाएं अच्छी तरह से समझ गई थी.

‘‘आराम से मां, ला यह बैग मुझे दे दे. पता नहीं क्या है इस में, सीने से चिपकाए रहती है हमेशा. कहीं नहीं जाने वाला तेरा यह बैग,’’ कहते हुए केतन ने अपनी मां के हाथ से वह बैग ले लिया.

एक हाथ में सामान और दूसरे हाथ में मां की उंगली थाम रखी थी केतन ने. मां से तेज नहीं चला जाता, इसलिए वह भी धीरेधीरे उन के कदम से कदम मिलाते हुए चल रहा था.

उस को ऐसे चलता देख मां अचानक केतन के बचपन में खो गई. जब केतन चलना सीख रहा था तो वह भी तो उस के कदम से कदम मिलाती थी. कभी उस पर झुंझलाई नहीं, हमेशा सब्र रखा. आज शायद उसी का नतीजा है जो केतन भी बिना झुंझलाए उस के कदम से कदम मिला रहा है. मां की आंखें एकदम से भर आईं.

ट्रेन स्टेशन पर पहले से खड़ी थी. अपने कोच के सामने केतन अपना नाम और सीट देखने लगा. इतने में उन का सामान ले कर कुली ट्रेन के डब्बे में चढ़ चुका था. केतन ने मां को कुछ देर वहीं खड़े रहने को कहा और वह कुली के साथ अपनी सीट पर सामान व्यवस्थित करवा कर फटाफट मां के पास पहुंचा. उस ने दोनों हाथ से मां को ट्रेन में पकड़ कर चढ़ाया और दोनों सीट पर आ कर बैठ गए.

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