लेखिका- आशा शर्मा
‘‘मैंपरेशान हो गई हूं इस रोजरोज की चिकचिक से… न मन का खा सकते और न ही पहन सकते… हर समय रोकटोक… आखिर कोई सहन करे भी तो कितना…’’ दोपहर के 2 बज रहे थे और आदत के अनुसार लंच कर के काव्या पलंग पर पसर गई. कमर सीधी करतेकरते ही बड़ी बहन नव्या को फोन लगाया और फिर दोनों बहनें शुरू हो गईं अपनाअपना ससुरालपुराण पढ़ने.
‘‘अरे, क्यों सहन करती है तू सास की ज्यादती? अभय से क्यों नहीं कहती? मैं तो तेरे जीजू से कोई बात नहीं छिपाती… हर रात सोने से पहले उन की मां का कच्चा चिट्ठा खोल कर रख देती हूं… जब तक वे मेरी हां में हां नहीं मिलाते, हाथ भी नहीं लगाने देती…’’ नव्या ने अपने अनुभव के सिक्के बांटे.
‘‘दीदी, अभय तो बिलकुल ममाज बौय हैं… अपनी मां के खिलाफ एक शब्द भी नहीं सुनते. उलटे मुझे ही एडजस्ट करने की नसीहत देने लगते हैं… सच दीदी, ससुराल के मामले में तुत बहुत खुशहाल निकलीं… जीजाजी तुम्हारी उंगलियों पर नाचते हैं… पता नहीं मेरे अच्छे दिन कब आएंगे…’’ काव्या ने एक गहरी सांस भरी.
‘‘वह तो है… अच्छा चल रखती हूं… तेरे जीजू का 2 बार फोन आ चुका है… मेरे बिना चैन नहीं उन्हें भी,’’ नव्या इतराई.‘‘चल ठीक है… थोड़ी देर में सास महारानीजी की चाय का समय हो जाएगा… मुझे तो दो घड़ी चैन की नींद भी नहीं मिलती…’’ अपने को कोसते हुए काव्या ने फोन काट दिया और फिर एसी की कूलिंग थोड़ी और बढ़ा कर चादर ओढ़ कर सो गई.
काव्या की अभय से शादी को मात्र 3 वर्ष हुए हैं. अभय एक प्राइवेट फर्म में मैनेजर है. सैलरी ठीकठाक है. मांपापा के साथ रहने से मकान का किराया, पानीबिजली, राशन आदि का कोई खर्चा उसे जेब से नहीं देना पड़ता… जो भी पैसा खर्च होता है वह स्वयं और काव्या के निजी शौकों और जरूरतों पर ही होता है. शादी से पहले काव्या ने सपनों सी जिंदगी का कल्पना की थी, जिस में सिर्फ पति के साथ मौजमस्ती ही थी. उस के सपनों की दुनिया में सासससुर नामक खलनायक नहीं थे…
‘एक बंगला बने न्यारा…’ वाले अरमानों के साथ काव्या ने ससुराल की देहरी लांघी थी, लेकिन जब पता चला कि जनाब अभय को अकेले रह कर शादीशुदा जिंदगी के मजे लेने का कोई शौक नहीं है तो वह बुझ सी गई. जबतब अपनी मां के सामने अपना दुखड़ा रो कर मन हलका करने की कोशिश करती, लेकिन मां ने कभी उस की बातों को सीरियसली नहीं लिया और न ही कभी अलग गृहस्थी बसाने के उस के सपने को पोषित किया.
‘‘ससुराल गैंदे के फूल सा होता है… कोई पंखुड़ी छोटी तो कोई बड़ी… लेकिन जब सब मिल कर आपस में गुंध जाती हैं तो फूल की छवि देखने लायक होती है,’’ मां हमेशा उसे समझाती थीं. लेकिन काव्या के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती थी. इसीलिए वह आजकल मां से बस नपीतुली बात ही करती है. हां, लेकिन बड़ी बहन से बिना नागा बात करती है और उस से ससुराल से अलग घर ले कर रहने से संबंधित सलाह भी मांगती रहती है.
यहां तक तो फिर भी सब ठीक था, लेकिन आग में घी डालने का काम किया सामने वाले घर में किराए पर रहने आए दंपती ने. ये नवल और रिया थे. नवल भी अभय की तरह एक प्राइवेट फर्म में जौब करता है, लेकिन रिया का ठसका तो देखो. कभी जींस.. कभी कैपरी… कभी शौर्ट्स तो कभी कोई और दिल जलाने वाली वैस्टर्न पोशाक… काव्या देखती तो कलेजे पर सांप लोट जाता… ऊपर से स्टाइलिश हैयर कट और मेकअप से पुता चेहरा. काव्या के दिलोदिमाग में हलचल मचाए रहता.
‘क्या जिंदगी है… इसे कहते हैं जिंदगी के असली मजे लूटना… मैं ने पता नहीं कौन सो बुरे कर्म किए थे… तभी तो ये बेडि़यां मेरे पांवों में डल गईं…’ काव्या सोचसोच कर दुबली होने लगी. पेट में पचने वाली तो बात थी ही नहीं… बहन को नमकमिर्च लगा कर बताया.
‘‘अरे तो बावल कुआं तेरे पास है और तू है कि प्यासी घूम रही है… रिया से दोस्ती गांठ और ले ले शाही जिंदगी जीने के…’’ नव्या ने हाथोंहाथ सलाह दे डाली.बस फिर क्या था. काव्या रिया से नजदीकियां बढ़ाने लगी. रिया तो खुद जैसे उसी की पहल का इंतजार कर रही थी. हायहैलो से शुरू हुई बातचीत धीरेधीरे अंतरंग होने लगी और जल्द ही दोनों घीखिचड़ी सी घुलमिल गईं. कभी रिया काव्या के पास तो कभी काव्या रिया के साथ…
‘‘देखो काव्या, पति नामक जीव को अपने इशारों पर नचाना हो तो लटकेझटके दिखाने ही होंगे… तुम सारा दिन सूटसाड़ी में लिपटी रहती हो… बेचारे अभय का भी मन करता होगा न तुम्हें मौडल सी सजीधजी देखने का… कभी कुछ बोल्ड पहनो… नया ट्राई करो… फिर देखो कैसे अभय तुम पर लट्टू हुआ जाता है…’’ रिया ने भी वही सलाह दे डाली जो नव्या दिया करती है.
‘‘क्या खाक बोल्ड पहनूं… अभय से पहले तो उस के मांपापा देखेंगे… फिर जो कुहराम मचेगा उस का पूरा महल्ला फ्री में मजा लेगा…’’ काव्या ने मुंह बनाया.‘‘फिर तो बन्नो एक ही उपाय है… कोपभवन… जैसे कैकेयी ने दशरथ से अपनी शर्तें मनवाई थीं वैसे ही तुम भी कोई नाजुक सा मौका तलाश करो… पहले ढील दो और फिर खींच लो डोरी… पतंग न कटे तो मेरा नाम बदल देना…’’ रिया ने मंथरा की भूमिका निभाई.