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"मैडम बहुत अच्छी इंसान हैं। तुम्हें इस बात को तूल नहीं देना चाहिए और उन की शारीरिक सुंदरता के जगह उन के काम को देखना चाहिए," वीरेंद्र बोला।

"कहना आसान है लेकिन करना मुश्किल. मैं भी कोशिश करता हूं लेकिन तुम्हारी तरह सफल नहीं हो पाता।"

"अपनी कोशिश जारी रखना। हो सकता है तुम्हें एक दिन इस में सफलता मिल जाए," वीरेंद्र बोला।

सुमित के दिल में अपने लिए जगह बनाने में चारु अपनेआप को असफल पा रही थी. उस ने बहुत कोशिश की लेकिन सुमित उस की शारीरिक सुंदरता से बढ़ कर और कुछ देख नहीं पा रहा था। शरीर से वह स्वस्थ, युवा और आकर्षक थी. बस, चेहरा ऐसिड अटैक की वजह से खराब हो गया था जिसे कौस्मेटिक सर्जरी भी ठीक नहीं कर पाई थी. यह देख कर चारु पहले से भी ज्यादा टूट गई थी. फिर भी उस ने अपने मनोबल को ऊंचा रखा और आज अपने काम के कारण उस ने अलग पहचान बना ली थी.

सुमित के लिए वाणी से दूर रहना अब मुश्किल हो रहा था. वह जल्दी से जल्दी उस से मिलना चाहता था जिस से आगे के लिए बात बढ़ाई जा सके. सुमित ने सोच लिया था कि आज वह फैसला कर के रहेगा. 6 महीने से बात  चैटिंग से आगे बढ़ नहीं रही थी, जहां की तहां अटकी हुई थी और वाणी अपनी ओर से इस में कोई रुचि नहीं ले रही थी। वह सोचने लगा कि कहीं वह उसे बेवकूफ तो नहीं बना रही. क्या पता केवल दिल बहलाने के लिए उस से बात करती हो.

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