मुझ से, मेरे जिंदा होने का
सुबूत मांगते हैं
सामने खड़ा हूं, मरा नहीं,
इस का सुबूत मांगते हैं
मरा होता, तो श्मशान में
जला दिया होता
आग में नहीं जला,
इस का सुबूत मांगते हैं
जमीनजायदाद के कागज
भी दिखा दिए
कागज झूठे नहीं,
इस का सुबूत मांगते हैं
गवाह भी एकएक कर
कई खड़े कर दिए
हर गवाह सच्चा है,
इस का सुबूत मांगते हैं
कागज पर लिख
‘मैं जिंदा हूं’ सही कर दिए
हैं ये हस्ताक्षर मेरे,
इस का सुबूत मांगते हैं
अंदर बड़े सा’ब से लिखवा लाओ
कहा उस ने
प्रमाणपत्र नहीं, दे दी घूस
इस का सुबूत मांगते हैं
कब तक सहता,
साफ कह दिया
हजार लेके मुकरोगे नहीं,
इस का सुबूत मांगते हैं.
– अलोकार
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