दर्द की कीमत चुकाई जाएगी
याद तेरी जब भी पाई जाएगी
चैन फिर उड़ने लगेगा प्यार में
नींद आंखों से चुराई जाएगी
दूरियां उस को समझ आ जाएंगी
जब मेरी अरथी उठाई जाएगी
वो मुझ से मिलने का वादा तो करे
पथ पर चांदनी बिछाई जाएगी
उलटा दर्पण उस ने सीधा कर दिया
अब हकीकत ही दिखाई जाएगी
रूठने का भी सबब होता है क्या
बात कोई तो बनाई जाएगी.
- बलविंदर ‘बालम’
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