भाईभाई की रंजिश में
बड़ा नुकसान हो गया
घर, घर न रहा, मकान हो गया
रोज दफन होने लगीं जज्बातों की लाशें
जीवन तो जैसे अब श्मशान हो गया
कम पड़ जाती है उम्र जुड़ने में लेकिन
टूटना रिश्तों का आसान हो गया
खून के रिश्तों में भी
नहीं रही अब वो बात
मतलबी दुनिया में
इंसान मतलब का हो गया
दर्द नहीं होता
जख्म देने वालों के दिल में
दिल तो जैसे
बाजार का सामान हो गया.
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