कहीं धूप मिली, कहीं छांव मिली

हर मौसम को हंस कर बिताया हम ने

दर्द ओ प्यार की कशमकश में

हंसतेहंसते आंसू बहाए हम ने

 

सफर ये आसां न होगा

जान कर भी कदम बढ़ाया हम ने

खुशी और गम जो भी मिले

दोनों को गले लगाया हम ने

 

इस दुर्गम रास्ते के कांटों से

आशियां अपना सजाया हम ने

जीवन के पथरीले रास्ते पर

कुछ खोया, कुछ पाया हम ने.

श्रेया आनंद

 

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