कहीं धूप मिली, कहीं छांव मिली
हर मौसम को हंस कर बिताया हम ने
दर्द ओ प्यार की कशमकश में
हंसतेहंसते आंसू बहाए हम ने
सफर ये आसां न होगा
जान कर भी कदम बढ़ाया हम ने
खुशी और गम जो भी मिले
दोनों को गले लगाया हम ने
इस दुर्गम रास्ते के कांटों से
आशियां अपना सजाया हम ने
जीवन के पथरीले रास्ते पर
कुछ खोया, कुछ पाया हम ने.
श्रेया आनंद
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
(1 साल)
USD48USD10

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
(1 साल)
USD100USD79

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और