ना खुद से शिकवा ना अपनों से उम्मीद, जिंदगी मेरी जद्दोजहद है, हर कदम कांटे और ठोकरें खुद चुनी हैं, ये सफर मेरी जद्दोजहद है.

मेरी मुश्किलों को मेरी तकदीर से जोड़कर आसान बनाता है जमाना, मेरी सांसों का सबब हैं ये परेशानियां, धड़कन भी मेरी जद्दोजहद है.

ना मदद को हाथ बढ़ाए कोई, ना दे कोई बाजू अपना आंसू बहाने को, अश्कों के समंदर पीने का हुनर पाया है, यही प्यास मेरी जद्दोजहद है.

अपने अरमान अपनी ख्वाहिशों को हमेशा खुद से बढ़कर चाहा है मैंने, ना पहाड़ पार किए, ना दर दर सजदे किए, मेरी इबादत मेरी जद्दोजहद है.

मंजिलों से दिल लगाया नहीं कभी और रास्तों नहीं की बेवफाई मैने, किनारों से परखा नहीं समंदर का मिजाज, बीच मझदार मेरी जद्दोजहद है.

दुनिया कैसे समझे मेरी मोहब्बत, बर्बादियों को शिद्दत से चाहा है मैंने, ए मरूधर दूर तलक वीराना मेरा अपना है, ये आंधी मेरी जद्दोजहद है...

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