इस वर्ष हमें हर्ष हो कि हर्ष कर सकें
हर्ष से संघर्ष को स्पर्श कर सकें
इक गीत गाएं प्रीत का
इक गीत मीत का
इक गीत गाएं रीत का
इक गीत जीत का.
इस वर्ष हमें हर्ष हो कि हर्ष कर सकें
हर्ष से संघर्ष को स्पर्श कर सकें
चिलमिलाती धूप में हम
शीतल पवन बन बहें
तिलमिलाती तिमिर में
इक दीप बन कर जलें.
इस वर्ष हमें हर्ष हो कि हर्ष कर सकें
हर्ष से संघर्ष को स्पर्श कर सकें
कर्म की ले कर कसौटी
मनन मंथन कर सकें
चिंतनों के योग से हम
कर्मयोगी बन सकें.
इस वर्ष हमें हर्ष हो कि हर्ष कर सकें
हर्ष से संघर्ष को स्पर्श कर सकें
सुप्त है ये जीवन
इसे मुक्त कर सकें
आराधना से साधना कर
सिद्ध सार्थक बन सकें.
इस वर्ष हमें हर्ष हो कि हर्ष कर सकें
हर्ष से संघर्ष को स्पर्श कर सकें.
- हर्षवर्द्धन सिंह चौहान
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