Hindi Poetry : कठिन बहुत है कहना सबसे
मन की सारी बातें
पर जिसको हम कह जाते सब
क्या उसको हम कहते
दौर कठिन है लोग कठिन हैं
दुनिया में जज़्बातें
हाँ भाती है सबको देखा
हाँ में हाँ की बातें
दूर देश में सबकुछ अच्छा
देखा करती आँखें
जब आती है बात खुदी की
किसको कैसे साधे
रोज रोज की दकियानूसी
दिन हो चाहे रातें
करनी होती है सबको है
ऊपर की सौगातें
आन मान और शान कहाँ
दौलत से सब नाते
अगर मगर और नज़र उठा कर
देखा सबको गाते
लेखिका - सरिता त्रिपाठी
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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