इश्क क्या है?
सूने से कागज पर खिलखिलाते
लफ्जों में तुम
इश्क क्या है?
मेरी आंखों की पनीली चमक
में छिपे तुम
इश्क क्या है?
बहती हवा के झोंकों की
खुशबू तुम
इश्क क्या है?
बरसती बूंदों के अनवरत
नृत्य में बसे तुम
इश्क क्या है?
मेरी नींदों में बस कर मुझ में
जागते तुम
इश्क क्या है?
तुम को कुछ पता न होना और
मेरा हो जाना तुम.
- आभा चंद्रा
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
(1 साल)
USD48USD10

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
(1 साल)
USD100USD79

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और