इश्क क्या है?

सूने से कागज पर खिलखिलाते

लफ्जों में तुम

इश्क क्या है?

मेरी आंखों की पनीली चमक

में छिपे तुम

इश्क क्या है?

बहती हवा के झोंकों की

खुशबू तुम

इश्क क्या है?

बरसती बूंदों के अनवरत

नृत्य में बसे तुम

इश्क क्या है?

मेरी नींदों में बस कर मुझ में

जागते तुम

इश्क क्या है?

तुम को कुछ पता न होना और

मेरा हो जाना तुम.

– आभा चंद्रा

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