यह सच है स्वत: सच
तुम यहां कभी नहीं आईं
और न कभी हुआ तुम्हारा
मेरे साथ रहना यहां

फिर भी इन वादियों में
इन पहाडि़यों पर
तुम्हारे रहने की अनुभूति है
एक असीमित अनुभूति

यह मत पूछना क्यों
क्यों होता है ऐसा
जिंदगी में कुछ बातों का
उत्तर नहीं होता.

जुलियस अशोक शा

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