खुद को पाना है तो

उस के लिए कुछ करना

ये मोहब्बत है

मोहब्बत की तुम खता करना

चांद की रात है

शायद वे बाम पे आए

घर के जीने पे दीया

एक तुम जला कर रखना

कैसी मेहंदी रचे हाथों से

वो दस्तक देगी

रात में घर के किवाड़ों को

तुम खुला रखना

वो भी शबनम की तरह

रात में न रो जाए

अश्क मोती है

रुलाने की खता मत करना

वो जुदा हो के भी

हम से जुदा नहीं होगी

दिल में रहती है

खयालों से मत जुदा करना

वक्त किसकिस को बताए कि

प्यार नेमत है

बांट देने से ये बढ़ती है

मत बचा कर रखना.

 

- राकेश भ्रमर

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