उन के पांवों का चुंबन
ले आ
चंचल हवा
तुझे सीने से अपने
लगा लूंगी मैं
उन के साए को
धीरे से छूना
नाजुक जिस्म है
छिल जाएगा
उन के दामन से
न उलझना कभी
वो हैं शर्मोहया की पाक अदा
तुम हो गरम हवा
एक पल भी ठहरना नहीं
उन की खुशबू
तुम में बिखर जाएगी
वो हैं नाजुक कली
दूर हूं आज उन से
पर गम नहीं, जख्म सीने पर है
पर आंखें नम नहीं
तेरे आने से
पता चल गया
मिलने से पहले
हाल उन का मिल गया.
- पूनम सिंह सेंग
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल
(1 साल)
USD48USD10
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन
(1 साल)
USD100USD79
सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन
और कहानियां पढ़ने के लिए क्लिक करें...
सरिता से और





