अगर तन मिले मगर मन न मिले
जैसे बिछौना मिले, नींद न मिले
अगर सुख मिले मगर चैन न मिले
जैसे दर्द मिले, हमदर्द न मिले
अगर आवाज मिले मगर शब्द न मिले
जैसे जिंदगी मिले मगर प्यार न मिले
अगर दो जिस्म मिलें मगर जां न मिले
जैसे इंसान मिले, इंसानियत न मिले.
– अमित सक्सेना
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