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“हैप्पी बर्थडे प्रीशा, मे गौड ब्लेस यू”, प्रीशा की विधवा मां मौशमी अपनी इकलौती लाड़ली बिटिया का बर्थडे केक कटवाते वक्त मन ही मन उस के लिए दुआ मांगते हुए आगत मेहमानों के साथ बर्थडे सौंग गा रही थी.

प्रीशा उस की अकेली वीरान जिंदगी की एकमात्र रोशनी थी. पति की असमय मृत्यु के बाद उस का हंसतामुसकराता सलोना चेहरा देख उस का मन एक अनूठी तरावट से भर जाता.

आज भी मैरीन ग्रीन रंग की बेहद खूबसूरत फ्रौक में उस का ताजे गुलाब सा खिलाखिला सोनपरी सा चेहरा देख उस का मन सुकून से भर उठा.

आज वह बहुत खुश थी. प्रीशा आज पूरे 7 वर्ष की हो गई. वह मगन मन अपनी फ्रैंड्स के साथ हंसतीखेलती चहक रही थी, कि तभी उस की एक सहेली की मां मौशमी से बोली, “मौशमीजी, स्कूल के ऐनुअल फंक्शन में मैं ने आप की बेटी का वौयलिन वादन सुना. आह, कितना मधुर बजाती है. उस से कहिए न, अभी उस की एक परफौर्मेंस हमारे सामने भी दे दे.”

मौशमी ने बहुत मिन्नतें कर प्रीशा को सब के सामने वौयलिन बजाने के लिए राजी किया.

प्रीशा का मधुर वौयलिन वादन सुन उपस्थित सभी मेहमान मंत्रमुग्ध हो गए. तभी मौशमी ने अपनी बेटी से कहा, “प्रीशा बेटा, अब जरा मम्मा के फेवरिट गाने भी सब को सुना दो.”

वौयलिन बजाने के साथसाथ वह गाना भी बहुत अच्छा गाती थी.

“क्या मम्मा, इतने पुराने गीत आप के सिवा किसी को भी पसंद नहीं आएंगे.”

“बेटा, आप एक गीत सुनाओ तो, प्लीज,” मम्मी के औफिस की एक सहकर्मी ने प्रीशा से चिरौरी की.

इस पर प्रीशा ने मां के दोतीन पसंदीदा गायिका शमशाद बेगम के सदाबहार गीत सुना कर सब का मन मोह लिया.

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