परी बोली, ‘‘मनीष न जाने क्यों थकावट सी महसूस हो रही है. लगता है पीरियड्स शुरू होने वाले हैं.’’
जिया तब तक अपनी प्यारी भाभी के लिए एक गिलास जूस ले कर आ गई थी. परी का मन भीग गया और उस ने जिया को गले से लगा लिया. उसे लगा जैसे जिया के रूप में उस ने अपनी छोटी बहन को पा लिया हो.
शाम को मनीष के कहने पर परी जींस और कुरती पहन रही थी पर यह क्या जींस तो कमर में फिट ही नहीं हो रही थी. अभी 3 महीने पहले तक तो ठीक थी. झुंझला कर वह कुछ और निकालने लगी.
तभी मनीष बोला, ‘‘परी यह करवाचौथ टाइप की ड्रैस मत पहनो. जींस थोड़ी टाइट है तो क्या हुआ. पहन लो न.’’
परी ने मुश्किल से जींस पहन तो ली पर अपने शरीर पर आई अनावश्यक चरबी उस से छिपी न रही. वह जब तैयार हो कर बाहर निकली, तो मनीष मजाक में बोल ही पड़ा, ‘‘यार, तुम तो शादी के तुरंत बाद आंटी बन गई हो.’’
परी को यह सुन कर अच्छा नहीं लगा. तभी शकुंतला भी बाहर आ गईं और बोलीं, ‘‘परी खुद पर ध्यान दो और कल से ऐक्सरसाइज शुरू करो.’’
उस दिन परी फिल्म का आनंद न ले पाई. एक तो जरूरत से ज्यादा टाइट कपड़ों के कारण वह असहज महसूस कर रही थी, दूसरे बारबार परफैक्ट दिखने का प्रैशर उसे अंदर ही अंदर खाए जा रहा था.
अपने शरीर में आए बदलावों से वह परेशान थी. ऐसे में उसे दुलार और प्यार की आवश्यकता थी. पर उस के नए घर में उसे ये सब नहीं मिल पा रहा था.
आगे की कहानी पढ़ने के लिए सब्सक्राइब करें
डिजिटल

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
डिजिटल + 24 प्रिंट मैगजीन

सरिता सब्सक्रिप्शन से जुड़ेें और पाएं
- सरिता मैगजीन का सारा कंटेंट
- देश विदेश के राजनैतिक मुद्दे
- 7000 से ज्यादा कहानियां
- समाजिक समस्याओं पर चोट करते लेख
- 24 प्रिंट मैगजीन