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दूसरे दिन दोपहर में शैली जिम से घर आई और नहाने गई. नहा कर वह गैलरी में खड़ी हो कर बाल सुखा रही थी कि तभी नीचे पोर्च में विनीत की कार आ कर रुकी. शैली खुश हो गई, क्योंकि आज उस ने जिम में जब पूछा तो विनीत ने मना कर दिया था आने के लिए. विनीत के बैल बजाने से पहले ही शैली ने दरवाजा खोल दिया.

‘‘क्या बात है डार्लिंग, आज तो नहाधो कर फ्रैश हो कर हमारे स्वागत के लिए खड़ी हो?’’ विनीत ने दरवाजा खुलते ही शैली की कमर में अपनी बांह का घेरा डालते हुए कहा.

‘‘चलो हटो. तुम तो आज आने वाले नहीं थे न ?’’ शैली ने बड़ी अदा से कहा.

‘‘अरे जानेमन, हम ने सोचा कि चलो आप को सरप्राइज दें. हम आप के लिए एक तोहफा लाए हैं,’’ कह कर विनीत ने नीचे जा कर 2 आदमियों की सहायता से एक टीवी ऊपर ला कर ड्राइंगरूम में रखवा दिया.

उन आदमियों के जाने के बाद विनीत ने शैली को बांहों में लेते हुए कहा, ‘‘कल मैं इस का कनैक्शन करवा दूंगा. देखा मैं तुम्हारा कितना खयाल रखता हूं. अब तुम भी मेरा थोड़ा खयाल रखो,’’ और विनीत शैली को बैडरूम में ले गया. एक दिन जिम में 2 लड़के आए. उन्होंने 3 महीने का पैकेज लिया. शैली ने दोनों का ऐडमिशन करवा लिया. एक लड़के का नाम आकाश और एक का नाम अनिल था. दूसरे दिन से अनिल और आकाश नियमित रूप से जिम आने लगे. शैली ही उन लोगों को ट्रेनिंग देती. धीरेधीरे शैली को लगने लगा कि आकाश उस में कुछ ज्यादा ही दिलचस्पी ले रहा है. वह कुछ भी पूछने या सिखाने के बहाने शैली को अपने आसपास ही बनाए रखता. शैली को भी आकाश अच्छा लगने लगा. वह भी उस के आसपास रहना पसंद करने लगी, क्योंकि आकाश था बहुत हैंडसम. विनीत के अलावा यदि किसी अन्य युवक ने शैली को अपनी ओर आकर्षित किया तो वह आकाश ही था.

सच तो यह था कि शैली अब यह महसूस करने लगी थी कि विनीत जीवन में उसे क्या दे पाएगा? वह उस से शादी तो करेगी नहीं. ऐसे वह सिर्फ उस की प्रेमिका बन कर कैसे सारी उम्र गुजार दे? विनीत के साथ उस का क्या भविष्य होगा? आकाश दिखने में अच्छा है और अच्छी नौकरी भी है. अच्छी कार में आता है तो जाहिर है पैसे वाला ही होगा. शैली भी आकाश में अपनी खुली दिलचस्पी दिखाने लगी. हां, वह यह ध्यान जरूर रखती कि ये सारी बातें विनीत की जानकारी में न आ जाएं, क्योंकि वह आकाश के बारे में सब कुछ जानने और उस की तरफ से पक्का आश्वासन मिलने तक विनीत के मन में अपने प्रति व्यर्थ का कोई संशय पैदा नहीं करना चाहती थी.

मौका देख कर शैली आकाश के साथ बाहर भी जाने लगी. अब शैली को इंतजार था आकाश के प्यार का इजहार करने और शादी का वादा करने का.

अब उसे दोपहर में विनीत का इंतजार नहीं रहता था, बल्कि विनीत के आ जाने से उसे कोफ्त ही होती थी. अकसर वह दोपहर और रात में आकाश के साथ उस की कार या बाइक पर घूमती या दोनों किसी दूर और एकांत जगह पर जा कर बैठे रहते. विनीत के पूछने पर वह यह बहाना बना देती कि किसी सहेली के साथ गई थी. आकाश से एकांत में मिलने पर शैली का मन मचलने लगता था, लेकिन आकाश का मर्यादित व्यवहार देख कर उसे अपने ऊपर संयम रखना पड़ता था. आकाश कभी उसे हाथ तक न लगाता. अत: शैली को भी अपनी उच्छृंखल मनोवृत्तियों को काबू में रखना पड़ता ताकि आकाश के मन में उसे ले कर कोई गलत धारणा न बैठ जाए. वह नहीं चाहती थी कि किसी भी तरह से आकाश के मन में उस के उन्मुक्त आचरण को ले कर कोई संशय उभरे और वह उसे छोड़ दे. इसलिए आकाश के सामने वह अपनेआप को सौम्य, शालीन और मर्यादा में रहने वाली दिखाने की हर संभव चेष्टा करती.

आखिर करीब 3 महीने साथसाथ कुछ समय बिता लेने के बाद आकाश ने शैली के प्रति अपनी चाहत का इजहार कर ही दिया. शैली उस दिन बहुत खुश थी. आकाश के दिए लाल गुलाब को हाथ में लिए वह देर तक अपने सुनहरे भविष्य के सपनों में खोई रही. अब उसे विनीत की ‘कीप’ बनी रहने की कोई जरूरत नहीं है, अब वह आकाश की ब्याहता पत्नी बनेगी.

अगले दिन आकाश उसे अपने मातापिता से मिलवाने ले जाने वाला था. उस ने अपने मातापिता को शैली के बारे में बताया था. वे और आकाश की दोनों बहनें शैली से मिलने के लिए अत्यंत उत्सुक थीं. शैली उस दिन बहुत अच्छी तरह से तैयार हुई. वह आकाश के सामने किसी भी कीमत पर उन्नीस नहीं दिखना चाहती थी. वह आकाश के परिवार पर अपना पूरा प्रभाव जमाना चाहती थी कि वह आकाश से किसी माने में कम नहीं है.

शैली आकाश को बाइक पर आते देख कर ताला लगा कर नीचे उतर आई. उसे बाइक पर आया देख शैली को थोड़ा अखर गया कि आज तो इसे कार से आना चाहिए था.

‘‘आज तुम कार से नहीं आए. अपनी होने वाली पत्नी को तो तुम्हें अपने मातापिता से मिलवाले कार से ले जाना चाहिए था न,’’ शैली ने ठुनकते हुए आकाश से कहा.

‘‘अरे वह कार तो अनिल की है. अपनी सवारी तो यही है मैडम,’’ आकाश हंसते हुए बोला, ‘‘दरअसल, मुझे ड्राइविंग का बहुत शौक है, इसलिए उस की कार हमेशा मैं ही चलाता हूं. अभी तो मेरे पास कार नहीं है पर तुम चिंता क्यों करती हो. हम दोनों मिल कर जल्दी ही कार भी ले लेंगे,’’ आकाश ने सहज रूप से कहा पर शैली का मन बुझ गया. हालांकि आकाश ने अपने बारे में कभी कुछ बढ़ाचढ़ा कर नहीं बताया तब भी शैली मान कर चली थी कि वह बहुत पैसे वाला और कारबंगले वाला है.

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