ओमा 50 साल की चुस्तदुरुस्त महिला है. वह रमा के घर पर काम करती है. रमा ने उसे एक महीना पहले ही काम पर रखा है. रमा को उस के बारे में कालोनी की प्रैसिडैंट ने बताया था. रमा का अगले महीने ट्रांसफर होने वाला है, इसलिए रमा ने कोई कागजी कार्रवाई नहीं की. कुछ दिनों से रमा की गरदन में कुछ परेशानी थी, इसलिए गले पर पट्टा लगा कर इन दिनों वह वर्क फ्रौम होम करती है. आज ओमा ने काम पूरा करने के बाद रमा से एक हजार रुपए उधार मांग लिए. रमा का दिल बहुत उदार है. वह मना न कर सकी. रुपए दे दिए, फिर भी पूछ लिया, “किसलिए चाहिए रुपए?”

ओमा बोली, “दीदी, मुझे किसी और का उधार वापस करना है. उस ने रातदिन चिकचिक मचा रखी है. एक बात और कहनी थी, दीदी.”

“बोलो,” रमा ने कहा मगर दिल ही दिल में रमा को कुछ अजीब सा लग रहा था.

“दीदी, कल मेरी जगह मेरी बहू आ जाएगी. कल मुझ को कुछ जरूरी काम से पास वाले गांव जाना होगा.”

“अच्छा, ठीक है. मगर वह आएगी न,” रमा ने दोहराया.

“दीदी, आएगी और एकदम समय पर आएगी. रुपए के लिए फिर से शुक्रिया आप का दीदी.”

यह कह कर वह फटाफट चली गई. उधर रमा को अजीबोगरीब खयाल आने लगे. रमा को पता था कि 3 दिनों पहले ही इस को पगार दी है. आज 6 तारीख है. आज इस ने फिर रुपए मांग लिए. रमा के मन में लगातार कुछ सवाल उमड़ रहे थे. अगले दिन सुबह ही समय पर एक 25 साल की युवती आ गई. वह ओमा की बहू थी. रमा से दो मिनट में सब काम पूछ कर चटपट काम में लग गई. उस की मेहनत देख कर रमा भावुक हो गई. उस का दिल पिघल गया. उस ने आज सैंडविच बना रखे थे.

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