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‘‘नहीं, नाराज होतीं तो तुम्हारे लिए दुखद समाचार क्यों होता. वे आधुनिक मां हैं न, तुम्हारे गले में मुझ से जयमाला डलवा रही थीं. बड़ी मुश्किल से उन को समझा पाई हूं कि हम लोग आपस में शादी नहीं करेंगे,’’ यह सोनल का स्वर था.

‘‘यह तो वास्तव में हमारे लिए दुखद समाचार था. कौन करता तुम जैसी बेवकूफ लड़की से शादी?’’ सुमित का स्वर था.

‘‘अच्छा, तो मैं बेवकूफ हूं,’’ सोनल बोली.

‘‘खैर, छोड़ो, हम लोग इस बंधन में बंधने से बच गए, इसलिए इस खुशी को चल कर किसी कौफी हाउस में मनाते हैं. तुम जल्दी से तैयार हो कर आओ,’’ यह सुमित का स्वर था. नई पीढ़ी के प्यार की परिभाषा सुन कर माधुरी को एकदम चक्कर सा आ गया और उस के हाथ से ट्रे छूट कर जमीन पर गिर गई. वह वहीं जमीन पर बैठ गई. उस के चारों तरफ फैली चाय, कप और केतली के टुकड़े उसे उस की मूर्खता का उपहासउड़ाते प्रतीत हो रहे थे.

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