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एक दिन एक क्लब के बहुत बड़े प्रोग्राम के बाद स्वाति अपने पति अनंत का हाथ थामे बाहर आ रही थी कि उसे सामने से गौरव आता नजर आया. वही गौरव जिस ने स्वाति के साथ बीए की थी. बहुत ही स्मार्ट और आकर्षक युवक था वह.

‘‘हैलो गौरव,’’ स्वाति की नजर जैसे ही गौरव पर पड़ी तो उस ने कहा.

‘‘हाय स्वाति, कैसी हो भई? कहां हो आजकल?’’ गौरव ने करीब आते हुए उस से पूछा.

‘‘यहीं हूं मुंबई में. शादी हो गई मेरी...

2 साल हो गए,’’ स्वाति ने चहकते हुए कहा.

‘‘अच्छा 2 साल भी हो गए,’’ गौरव ने आंखें फाड़ कर आश्चर्य से कहा.

‘‘हां, 2 साल और ये हैं मेरे पति अनंत,’’ स्वाति ने परिचय कराया.

‘‘हैलो, माई सैल्फ गौरव.’’

गौरव ने अनंत की ओर मुखातिब होते हुए कहा और अपना हाथ अनंत की ओर बढ़ा दिया.

‘‘अनंत, ये मेरे कालेज का फ्रैंड है गौरव,’’ स्वाति ने कहा.

जब अनंत लंगड़ाते हुए आगे बढ़ा और अपना हाथ आगे बढ़ाया, तो गौरव कुछ समझ नहीं पाया.

‘‘हैलो, गौरव मैं अनंत शर्मा.’’

गौरव प्रश्नवाचक नजरों से स्वाति की ओर देख रहा था. गौरव ने बताया कि वह दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो गया है. यहां एक कंपनी में उच्च पद पर है और अभी तक शादी नहीं की है. स्वाति और गौरव ने फिर मिलने और एकदूसरे को घर आने का न्योता दिया. दोनों ने अपनेअपने मोबाइल नंबर भी दिए और विदा हो गए.

गौरव उस रात सो नहीं पाया. वह कालेज टाइम से ही स्वाति से प्यार करता था. लेकिन कभी अपने प्यार का इजहार नहीं कर पाया. उस के दिमाग में कई सवाल चल रहे थे. स्वाति ने एक अपाहिज से शादी क्यों की? सोचतेसोचते वह सो गया.

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