लेखिका- प्रेमलता यदु

इंट्रो : शादी के समय ही रिश्तेदारों व जानपहचान वालों ने कहना शुरू कर दिया कि तेरी सास तो बड़ी मौडर्न है. पर नियति ही जानती है कि उस की सास उस के लिए कितनी केयरिंग है. सास के कहने पर जब नियति मायके आई तो क्या वह अपनी उन के प्रति मां की सोच बदल पाई...?

आज सुबहसुबह जैसे ही नियति का फोन श्रीकांतजी के मोबाइल पर आया, उन की पत्नी लीला ने उन्हें फोन स्पीकर पर डालने का इशारा किया और उन्होंने स्पीकर औन कर दिया.

नियति हंसती हुई बोली, "हैलो पापा, आप ने स्पीकर औन कर लिया हो और मम्मी आ गई हों तो मैं अपनी बात शुरू करूं."

पिछले 2 महीनों से यही चल रहा है. नियति का फोन जब भी आता है, श्रीकांतजी स्पीकर औन कर देते हैं क्योंकि नियति और उस की मां लीला की बातचीत तब से बंद है, जब से नियति ने अपना निर्णय सुनाया है कि वह शादी अपने कलिग और स्कूल फ्रैंड विकल्प से ही करना चाहती है. यह बात जानते ही दोनों मांबेटी के बीच अबोलेपन ने अपना स्थान ले लिया. लेकिन जब भी नियति का फोन आता है, लीला अपने सारे काम छोड़ कर फोन के करीब आ जाती है, यह जानने के लिए कि नियति क्या कह रही है.

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नियति की बातों को सुन कर लीला के चेहरे के हावभाव बनतेबिगड़ते रहते हैं, क्योंकि लीला किसी हाल में नहीं चाहती कि उन की बेटी किसी विजातीय लड़के से ब्याह करे.

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