भारत के शतरंज के खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद किसी परिचय के मुहताज नहीं हैं. इस खेल में भारत की ओर से सिरमौर रहे मासूम चेहरे के इस खिलाड़ी को लोग आज भी प्यार से 'विशी' कह कर बुलाते हैं. वैसे, जब ये किशोर अवस्था में थे तो इन्हें 'लाइटनिंग किड' कहा जाता था.आज विश्वनाथन आनंद जैसा ही एक 'लाइटनिंग किड' दोबारा सुर्खियों में है.

नाम उस का तानी है और उम्र महज 8 साल, पर शतरंज में वह अच्छे अच्छों को पानी पिला रहा है. उस ने हाल ही में न्यूयौर्क स्टेट चैस चैंपियनशिप में ट्रौफी जीती है.लेकिन तानी के साथ एक ऐसी कहानी भी जुड़ी है जो उसे दूसरे नन्हे खिलाड़ियों से अलग करती है. सच कहें तो उस का यहां तक का सफर इतना आसान नहीं रहा है.दरअसल, तानी एक नाइजीरियाई रिफ्यूजी है जो न्यूयौर्क के मैनहेटन में एक शेल्टर होम में रहता है. उस का परिवार साल 2017 में नाइजीरिया से भाग आया था और तकरीबन एक साल से न्यूयॉर्क में रह रहा है.

तानी के पिता कायोदे एडेवुमी एक कैब ड्राइवर हैं. वे बताते हैं कि नाइजीरिया में जब बोको हरम के आतंकवादियों ने उन के जैसे ही ईसाई लोगों पर हमला किया, तब वे वहां से निकल आए थे. वे किसी भी अपने को खोना नहीं चाहते थे. फिलहाल नाइजीरिया बहुत सी समस्याओं से जूझ रहा है. वहां के बहुत से लोग इतने गरीब हैं कि वे कर्ज में डूबे हुए हैं और अपना कर्ज चुकाने के लिए बेटियों तक का सौदा कर देते हैं. बोको हरम ने भी नाक में दम किया हुआ है.

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