एडिलेड में पहला टैस्ट मैच जीते तो भारतीय क्रिकेट टीम के हौसले बुलंद हो गए, पर पर्थ की कहर बरपाती पिच पर भारत दूसरा टैस्ट मैच फतह न कर पाया. इन दोनों मैचों में उस के सलामी बल्लेबाज के.एल. राहुल और मुरली विजय अपने बल्ले से कोई खास करिश्मा न कर पाए थे.

लिहाजा, कप्तान विराट कोहली ने बुधवार, 26 दिसंबर से मेलबर्न में औस्ट्रेलिया के खिलाफ शुरू हो रहे तीसरे टैस्ट मैच के लिए नऐ नवेले बल्लेबाजों मयंक अग्रवाल और हनुमा विहारी की सलामी जोड़ी को जिम्मेदारी सौंपी है. मतलब भारतीय टीम ने खराब फौर्म से जूझ रहे सलामी बल्लेबाजों लोकेश राहुल और मुरली विजय को इस मैच से बाहर कर दिया है.

मयंक अग्रवाल और हनुमा विहारी को यह जिम्मेदारी सौंपने के अलावा कप्तान विराट कोहली के पास औलराउंडर हार्दिक पंड्या को भी खिलाने का विकल्प था. लेकिन उन्होंने दोबारा फिट हो चुके रोहित शर्मा को एक्स्ट्रा बल्लेबाज के रूप में खिलाने का फैसला किया.

सवाल उठता है कि के.एल. राहुल और मुरली विजय पर गाज क्यों गिरी? अगर के.एल. राहुल की बात करें तो वे औस्ट्रेलिया के इस दौरे में बेहद खराब फौर्म से जूझ रहे हैं और मौजूदा सीरीज की 4 पारियों में उन्होंने केवल 48 रन ही बनाए हैं जिसमें एडिलेड टेस्ट मैच में दूसरी पारी में बनाए गए 44 रन भी शामिल हैं.
इस साल विदेशों में खेलते हुए उन का औसत 20.94 तक गिर गया है और इस दौरान वे 9 टैस्ट मैचों में सिर्फ एक बार अर्धशतक लगाने में कामयाब रहे.

दूसरी तरफ मुरली विजय भी कुछ खास नहीं कर पाए हैं. उन्होंने मौजूदा टेस्ट सीरीज की 4 पारियों में सिर्फ 49 रन ही बनाए हैं. पर्थ में खेले गए दूसरे टैस्ट मैच में उन्होंने दूसरी पारी में 20 रन बनाए थे जो मौजूदा दौरे पर उन का सर्वश्रेष्ठ स्कोर है.

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