जो हमें किसी भी तरह की शिक्षा देता है, आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है उसे गुरु कहा जाता है. खेलों से जुड़े कोच भी इसी श्रेणी में आते हैं, लेकिन कुछ लोग गुरु की गरिमा पर काली स्याही पोत देते हैं.
इंगलैंड के एक पूर्व फुटबौल कोच बैरी बेनल उन्हीं में से एक हैं. उन पर बच्चों के 50 से ज्यादा बार यौनशोषण करने के आरोप लगे और उन्हें 30 साल की सजा सुनाई गई.
लिवरपूल की स्थानीय अदालत के जज ने इस मामले पर बैरी बेनल के लिए सख्त टिप्पणी करते हुए कहा, ‘‘वे बच्चे जिन के लिए तुम सबकुछ थे उन के लिए तुम नरपिशाच निकले. तुम ने उन का बचपन छीन लिया.’’
64 वर्षीय बैरी बेनल कभी मैनचेस्टर सिटी और कू्र एलेक्सजेंडर के लिए नई प्रतिभाएं तलाशा करते थे. उन्होंने वर्ष 1979 से 1990 के बीच 8 से 15 साल की उम्र के 11 बच्चों का यौनशोषण किया था. इस मामले से जुड़े एक पीडि़त का कहना था, ‘‘मैं आज भी उस घटना को याद कर के सिहर जाता हूं. मैं एक छोटा बच्चा था. मेरे सपने टूट गए. मैं अकसर सोचता हूं कि अगर वह सब नहीं होता तो मैं क्या बन सकता था.’’
बैरी बेनल ने केवल उस बच्चे के ही सपनों को नहीं रौंदा बल्कि भविष्य के उन खिलाडि़यों के मन में भी डर पैदा कर दिया जो खेलों में नाम कमाना चाहते हैं.
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