भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ अपने क्रिकेट सीरीज का आगाज टी20 सीरीज में जीत हासिल करके की. इसके बाद दोनों देशों के बीच वनडे सीरीज खेली जा रही है लेकिन भारतीय टीम में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी को लेकर अब भी निश्चितता नहीं बनी है. क्रिकेट में जब नंबर चार पर बल्लेबाजी करने वाले बल्लेबाजों की बात होती है तो इसमें महेला जयवर्धने या एबी डीविलियर्स का नाम सबसे पहले आता है जिन्हें इस क्रम पर बेजोड़ बल्लेबाज माना जाता था. नंबर चार की बल्लेबाजी टौप और्डर और निचले क्रम के बल्लेबाजों के बीच पुल का काम करता है. किसी भी टीम के लिए इस नंबर की बल्लेबाजी उनके बैटिंग लाइनअप को बैलेंस करने का काम करती है.

भारतीय टीम की बात करें तो युवराज सिंह के अलावा इस क्रम पर आठ बल्लेबाजों को आजमाया जा चुका है लेकिन इस नंबर पर युवी जितना सफल कोई नहीं रहा. इस क्रम पर बल्लेबाजी करने वाले खिलाड़ी को परिस्थिति के हिसाब से खुद को ढालना होता है. इस क्रम पर ऐसे बल्लेबाज की जरूरत होती है जो ना तो बहुत तेज खेलता हो और ना ही स्लो बल्लेबाजी करता हो. शायद यही वजह रही कि युवराज इस क्रम पर भारतीय टीम के लिए काफी समय तक खेलते रहे और सफल हुए. अब टीम के नए कप्तान विराट के लिए इस क्रम के लिए किसी स्थायी बल्लेबाज को ढूंढ़ना एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.

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विश्व कप 2011 में भारतीय टीम के लिए विराट ने इस भूमिका को बखूबी निभाया था. गंभीर टीम के लिए तीसरे ओपनर के तौर पर थे इसलिए वो तीसरे नंबर पर बल्लेबाजी करते थे. इसके बाद विश्व कप 2015 में अजिंक्य रहाणे ने इस क्रम पर बल्लेबाजी की. वर्ष 2015 के विश्व कप के बाद  इस नंबर पर कई भारतीय बल्लेबाजों को आजमाया गया लेकिन कोई भी इस क्रम पर सफल नहीं हुआ. एक बार फिर से चैंपियंस ट्रौफी 2017 के लिए युवी पर भरोसा जताते हुए उन्हें इस क्रम पर बल्लेबाजी की जिम्मेदारी दी गई.

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