#MeToo अभियान के तहत बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी के खिलाफ भी यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया था, जिसके बाद बीसीसीआई की सात राज्य इकाइयों ने आरोपों की जांच लंबित रहने तक उन्हें निलंबित करने की मांग की. मुंबई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान शिशिर हट्टनगढी ने कहा कि वह राहुल जौहरी के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में प्रमाण देने को तैयार हैं.

शिशिर ने ट्वीट किया, ‘यदि बीसीसीआई मीटू के तहत यौन उत्पीड़न मामले में राहुल जौहरी के बारे में कोई जानकारी चाहता है, तो मैं मदद को तैयार हूं. मैं मुंबई का पूर्व कप्तान ऐसा करने को तैयार हूं.’ एक समाचार पत्र से बात करते हुए शिशिर ने दावा किया कि जौहरी के खिलाफ जो शिकायत है, वह उनके बीसीसीआई सीईओ रहते हुए है.

इसके बाद शिशिर ने एक और ट्वीट किया जिसमें लिखा- यह सिर्फ राहुल जौहरी और उनसे जुड़ी बात नहीं है. यह बीसीसीआई के माध्यम से देश को वैश्विक स्तर पर किसी खेल में प्रतिनिधित्व करने को लेकर है. कोई भी इंसान खेल से ऊपर नहीं हो सकता.

इससे पहले गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) ने विनोद राय की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक कमिटी का गठन किया, जो पूरी घटना की जांच करेगी. इस कमिटी में इलाहाबाद हाई कोर्ट के पूर्व जज राकेश शर्मा, दिल्ली महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन बरखा सिंह और सीबीआई के पूर्व डायरेक्टर पीसी शर्मा शामिल हैं.

जस्टिस शर्मा इस कमिटी के चेयरमैन होंगे. तीन सदस्यीय इस कमिटी को पैनल ने अपनी रिपोर्ट 15 दिनों के अंदर सौंपने को कहा है. एक महिला द्वारा राहुल जौहरी पर लगाए गए सनसनीखेज आरोपों के बाद कमिटी ने उनसे इस मामले में जवाब मांगा था. इस पर जौहरी ने 20 अक्टूबर को अपना जवाब सौंपते हुए सारे आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.

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