क्या काले को कमतर मानना ठीक है? क्या काला बुरा है? क्या काली महिलाओं की बौडी को दूसरी नजरों से नहीं देखा जाता? ये सवाल पुराने हैं, लेकिन एक बार फिर बहस के केंद्र में हैं, ऐसा इसलिए क्योंकि जानी मानी अमेरिकी टेनिस खिलाड़ी सेरेना विलियम्स के काले सूट को फ्रेंच ओपन में पहनने से बैन कर दिया गया है. फ्रेंच टेनिस फेडरेशन ने ये फैसला लिया है क्योंकि उन्हें लगता था कि इस सूट से खेल का असम्मान हो रहा है.

सेरेना को ग्लोबल हीरोइन माना जाता है. उन्होंने न सिर्फ टेनिस में शानदार प्रदर्शन किया है, बल्कि सेक्सिजम और रेसिजम के खिलाफ भी लड़ती रही हैं. बताया जा रहा है कि सेरेना ने अपने इस सूट को मेडिकल वजहों से तैयार करवाया था. ब्लड क्लाट की समस्या से उन्हें इस सूट ने राहत दिलाई थी. सेरेना ने यह भी कहा था कि ये कैटसूट पहनने पर उन्हें सुपरहीरो जैसा महसूस होता है.

अमेरिका में महिला अधिकारों पर काम कर रहे सिमन हेडलिन ने लिखा- एन्ने व्हाइट ने 1985 में कैटसूट पहना था, सेरेना 2019 में नहीं पहन सकती. एक्ट्रेस एलिजाबेथ बैंक्स ने लिखा कि पुरुष महिलाओं को कंट्रोल करना चाहते हैं, यह उसी का नमूना है. सेरेना महान हैं. प्रोड्यूसर तारीक नसीद ने लिखा-  ड्रेसकोड के नाम पर यह रेसिजम का एक मामला है.

कई आलोचकों ने इस मुद्दे पर लेख लिखे हैं और कहा है कि प्रोफेशनल टेनिस के इतिहास में पुरुषों और गोरों का बोलबाला रहा है. और जब सेरेना ने अपनी ब्लैक, फीमेल बौडी के साथ शानदार प्रदर्शन किया तो बहुत लोगों को यह नागवार गुजरा. और नया बैन उसी की एक कड़ी है.

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