2007 के टी-20 वर्ल्‍डकप की यादें अभी भी भारतीय क्रिकेट प्रेमियों के दिमाग में ताजा होंगी. पाकिस्‍तान के खिलाफ ग्रुप मैच में टीम इंडिया के एक धुरंधर ने न सिर्फ अर्धशतक बनाया था, बल्कि नियमित गेंदबाज नहीं होने के बावजूद बौल आउट में स्‍टंप को हिट कर भारत की जीत में भूमिका निभाई थी.

दरअसल, दोनो टीमों ने 141-141 रन बनाए थे और मैच टाई होने के बाद बौल आउट मुकबला हुआ था. जी हां! यहां बात हो रही है ओपनर रौबिन उथप्‍पा की. उथप्पा आज (11 नवंबर) 32 साल के हो गए.

पाकिस्‍तान के खिलाफ मिली उस जीत के बाद टीम इंडिया ने पीछे मुड़कर नहीं देखा था. खास बात यह रही कि फाइनल में उसी पाकिस्‍तान को हराकर टीम चैंपियन बनी थी.

उथप्पा ने टी-20 क्रिकेट में सिर्फ एक ही गेंद फेंकी है, जिसने उन्हें अमर बना दिया. यह गेंद उन्होंने अपने पहले टी-20 मैच में पाकिस्तान के खिलाफ बौल आउट के दौरान डाली थी, जो सीधे स्टंप्स पर लगी और भारत ने क्रिकेट इतिहास का पहला और आखिरी बौल आउट जीत लिया.

इस मैच में एक के बाद एक भारतीय विकेट गिरते जा रहे थे, लेकिन रौबिन विकेट पर जमे हुए थे. पाकिस्तान के तेज गेंदबाज मोहम्मद आसिफ की खतरनाक गेंदबाजी के बीच उन्‍होंने 39 गेंदों पर चार चौकों और दो छक्‍कों की मदद से 50 रन बनाए.

मैच में टीम इंडिया के सभी धुरंधर फ्लाप साबित हुए थे. गौतम गंभीर 0, सहवाग 5, युवराज 1 और दिनेश कार्तिक 11 रन बनाकर पवेलियन लौट चुके थे. उथप्‍पा के बाद टीम के टौप स्‍कोरर तत्कालीन कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी (33 रन) रहे थे. भारत की ओर से बनाए गए 141 रनों के जवाब में पाकिस्‍तानी टीम ने भी 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 141 रन बनाए थे.

मैच टाई होने के बाद बौल आउट का फैसला लिया गया था, जिसमें दोनों टीमों के 5-5 गेंदबाजों को स्‍टंप हिट करना था. भारत ने इसके लिए सहवाग, उथप्‍पा, श्रीसंत, पठान और हरभजन को यह करना था, जबकि पाकिस्‍तान के लिए यह जिम्‍मेदारी तनवीर, अराफात, अफरीदी, उमर गुल और मोहम्मद आसिफ को सौंपी गई थी.

भारत के लिए सहवाग, हरभजन और उथप्‍पा ने स्‍टंप को हिट किया जबकि अराफात, गुल और अफरीदी, तीनों स्‍टंप मिस कर गए. बौल आउट में 3-0 से जीत भारत के खाते में आई थी. उथप्पा के इस स्टंप हिट ने उन्हें क्रिकेट इतिहास में अमर बना दिया.

रौबिन फिलहाल टीम इंडिया का हिस्सा नहीं हैं. वे क्रिकेट के छोटे फार्मेट के बेहतरीन खिलाड़ी माने जाते हैं. ताबड़तोड़ बल्‍लेबाजी के अलावा जरूरत पड़ने पर विकेटकीपर की भूमिका में भी खुद को साबित कर चुके हैं. आईपीएल के कई मैचों में वे विकेटकीपर बल्‍लेबाज की हैसियत से उतर चुके हैं.

उथप्पा के पिता वेणु अंतरराष्ट्रीय हौकी रेफरी रह चुके हैं. हौकी से जुड़े परिवार से आने बावजूद उथप्पा ने अपने भविष्य के लिए क्रिकेट को ही चुना. उथप्पा काफी कम उम्र से क्रिकेट खेल रहे हैं.

बता दें कि 2002 में ही उथ्प्पा ने 17 साल की उम्र में ही कर्नाटक के लिए रणजी क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया. इससे पहले उन्होंने कर्नाटक के लिए फर्स्ट क्लास डेब्यू किया था और अपनी पहली पारी में 61 रन भी बनाए. उथप्पा ने 2004 की अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम का भी हिस्सा रहे है.

अपने वनडे डेब्यू में उथप्पा ने इंग्लैंड के खिलाफ इंदौर में 86 रनों की पारी खेली. यह उस वक्त डेब्यू मैच में भारत के लिए सर्वाधिक स्कोर था. उन्होंने बृजेश पटेल का रिकार्ड तोड़ा, जिन्होंने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लीड्स में 82 रन बनाए थे.

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