गौरतलब है कि कुछ समय पहले ही भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों को अपनी पत्नी या गर्लफ्रेंड को साथ लेकर जाने की मंजूरी देने की मांग की थी. अब बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने कोहली की मांग को थोड़े संशोधन के साथ मान लिया है. बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) के ताजा फैसले के मुताबिक, बोर्ड ने पहले 10 दिन को छोड़कर बाकी पूरे टूर के लिए पत्नी और गर्लफ्रेंड्स के साथ रहने की इजाजत दे दी है. पहले के नियम के मुताबिक, खिलाड़ी विदेशी दौरे पर केवल दो हफ्ते के लिए ही अपनी पत्नियों को साथ रख सकते थे. इसे लागू करने के पीछे सीओए की दलील थी कि परिवार से दूर रहने पर खिलाड़ी अपने प्रदर्शन पर ज्यादा ध्यान दे पाएंगे.
सीओए का कहना है कि विदेशी दौरे पर क्रिकेटरों के साथ उनकी पत्नियों या गर्लफ्रेंड्स के होने से कोई नुकसान नहीं है. उनका कहना है कि ऐसा दौरा शुरू होने के दस दिन बाद ही होगा.
सीओए के मुताबिक, विदेशी दौरे पर खिलाड़ी लंबे समय तक घर से बाहर रहते हैं. यदि उनकी पत्नी या गर्लफ्रेंड उनके साथ रहेंगी तो इससे खिलाड़ियों में सकारात्मक माहौल तैयार होने में मदद मिलेगी.
सीओए ने कोहली, रोहित, शास्त्री से की थी चर्चा
सीओए ने इस संबंध में हैदराबाद में दूसरे टेस्ट की शुरुआत से पहले विराट कोहली, कोच रवि शास्त्री और एशिया कप में टीम इंडिया की अगुआई करने वाले रोहित शर्मा के साथ चर्चा भी की थी.
क्रिकेट औस्ट्रेलिया भी ले चुका है ऐसा फैसला
साल 2015 में क्रिकेट औस्ट्रेलिया (सीए) के तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जेम्स सदरलैंड ने भी इसी तरह का फैसला लिया था. हालांकि, तब उनके इस फैसले की बहुत आलोचना हुई थी.
उस साल इंग्लैंड ने एशेज में औस्ट्रेलिया को 3-2 से हराया था. औस्ट्रेलिया के इस खराब प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों के साथ उनकी पत्नियों या गर्लफ्रेंड्स के होने को जिम्मेदार ठहराया गया था. हालांकि, 2017/18 में औस्ट्रेलिया ने 4-0 से एशेज सीरीज जीत ली थी. सीरीज का एक टेस्ट ड्रॉ रहा था.
2007 में 5-0 से एशेज सीरीज हारने के बाद इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने एक स्वतंत्र औडिटर को नियुक्त किया. औडिटर ने खिलाड़ियों की प्रेमिकाओं और पत्नियों को टीम के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदार ठहराया. इसे पूर्व इंग्लिश क्रिकेटर केविन पीटरसन ने बकवास बताया था.