भारतीय महिला टीम की अनुभवी तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी ने खुलासा किया कि वह वुमेंस वर्ल्ड कप के पहले दो मैचों में अपने खेल से इतना इतना ज्यादा नाखुश थी कि उन्होंने कोच तुषार अरोठे से उन्हें प्लेइंग-11 से बाहर करने के लिए कह दिया था.

झूलन को कोलकाता में बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) द्वारा आयोजित एक समारोह में विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया. आईसीसी विमेंस वर्ल्ड कप में इंग्लैंड के खिलाफ फाइनल में झूलन ने 23 रन देकर तीन विकेट लिए थे. इस खिताबी मैच में भारतीय टीम को 9 रन से हार का सामना करना पड़ा था. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने झूलन को 10 लाख रुपये की पुरस्कार राशि से नवाजा.

सम्मानित होने के बाद झूलन ने कहा, ‘महिला वर्ल्ड कप के शुरुआती दिनों में मैं अपने प्रदर्शन से खुश नहीं थी. मैं अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रही थी और इससे काफी निराश थी.’ उन्होंने आगे कहा, ‘मैंने अपने कोच तुषार अरोथे से बात की और कहा कि मैं अच्छी गेंदबाजी नहीं कर रही हूं, इसलिए आप अगले मैच के लिए मुझे अंतिम एकादश से हटा सकते हैं. यह मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ था.’

अनुभवी गेंदबाज झूलन ने कहा, ‘कोच ने ऐसा करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि वह मुझे मैदान पर टीम के साथ और गेंदबाजी क्षेत्र का नेतृत्व करते देखना चाहते हैं.’ इसके बाद से ही झूलन के फार्म में सुधार आया और उन्होंने विकेटों की झड़ी लगाई.

आगे उन्होंने कहा, ‘‘सेमीफाइनल में आस्ट्रेलिया का मैच हमारे लिए महत्वपूर्ण था. वह दुनिया की सबसे अच्छी टीम है. लैनिंग सबसे अच्छे क्रिकेटरों में से एक हैं. मैं चाहती थी कि मैं उन्हें सही जगह पर गेंद कराऊं. मैंने मिताली से कहा कि मैं उन्हें वैसी ही गेंद करना चाहती हूं जैसे कि लैनिंग को करना चाहूंगी और उसने मुझे फीडबैक दिया. सौभाग्य से सब कुछ हमारे हिसाब से हुआ.’’

राज्य से और पिछले 10 साल से कैब से मिले समर्थन के बारे में झूलन ने कहा, ‘मैं जब 2005-06 से मुंबई में एयर इंडिया से बंगाल आई थी, तो क्रिकेट के लिए अपनी तैयारियों को लेकर मिलने वाले अवसरों के लिए आश्वस्त नहीं थी. मुंबई में मैं एयर इंडिया में लडक़ों के साथ अभ्यास करती रहती थी.’

उन्होंने कहा कि जब बीसीसीआई और भारतीय महिला क्रिकेट संघ (डब्ल्यूसीएआई) एक साथ आए थे, तो उनके दिमाग में यहीं सवाल था कि क्या उन्हें कोलकाता में अभ्यास का अवसर मिलेगा. हालांकि, उनकी यह चिंता दूर हुई और पिछले 10 साल में कैब से उन्हें अच्छा समर्थन मिला. उन्हें आशा है कि भविष्य में उन्हें और भी अवसर मिलेंगे.

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