पर्थ में खेला गया दूसरा टैस्ट मैच हम हार चुके हैं और उस की टीस भी भूल चुके हैं, पर उस हार से ज्यादा एक और मामला तूल पकड़ गया है और वह है उस टैस्ट मैच के चौथे दिन मैदान पर हुई इशांत शर्मा और रविंद्र जडेजा की तीखी बहस. इसे ऑस्ट्रेलिया के मीडिया ने हाथोंहाथ लपका और भारतीय खेमे में फूट के तौर पर दिखाया.

दरअसल, उस बहस के दौरान इशांत और जडेजा के बीच क्या बातचीत हुई थी, वह सब स्टंप में लगे माइक से रेकॉर्ड हो गया था और उस की पूरी डिटेल्स विदेशी मीडिया ने जारी की.

इशांत और जडेजा किस वजह से भिड़े थे यह तो साफ नहीं हो सका है पर यह तो साफ है कि इशांत को जडेजा का हाथ दिखाना या किसी तरह का निर्देश देना पसंद नहीं आया था जबकि जडेजा का कहना था कि वे टीम का हिस्सा हैं और अपनी बात रख सकते हैं.

अंदाजा तो यह भी लगाया जा रहा है कि पर्थ टैस्ट मैच की पूर्व संध्या तक भारतीय प्लेइंग इलेवन में इशांत की जगह जडेजा को शामिल किया जाना तय था. संभव है कि इस बात को ले कर दोनों के बीच तल्खी हो गई और इशांत ने सब्सिट्यूट के तौर पर उतरे जडेजा के कुछ हिदायत देने को दिल से लगा लिया हो.

सवाल उठता है कि जब कोई भी 2 खिलाड़ी इस तरह मैदान पर टीम भावना को छोड़ कर अपनी तल्खी एकदूसरे के सामने रखते हैं तो इस का मतलब क्या होता है? क्या भारतीय क्रिकेट टीम ने ऑस्ट्रेलियाई मीडिया को बैठेबिठाए एक मसाला दे दिया है? क्या भारतीय खेमे में फूट पड़ चुकी है?

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