उसेन बोल्ट जब ट्रैक पर दौड़ते है तो ऐसा लगता है कोई इंसान नहीं बल्कि एक महामानव दौड़ रहा हो. ट्रैक पर चीते की रफ्तार से दौड़ते बोल्ट एक ऐसे इंसान हैं जिसकी रफ्तार का अंदाजा सिर्फ हाई डेफनिशन कैमरे पर ही लगाया जा सकता है.

रफ्तार की दुनिया के सबसे बड़े शोमैन जमैका के उसेन बोल्ट को करियर की अंतिम रेस में पोडियम भी नसीब नहीं हो सका. जो धावक ट्रैक पर बिजली की गति सा दौड़ता था उसे लंगड़ाते हुए ट्रैक को अलविदा कहना पड़ा. स्वर्णिम विदाई के जश्न की जगह लंदन के ओलंपिक स्टेडियम में एक महानायक की पीड़ा का दर्द झलक रहा था. दर्शक भावुक थे और बोल्ट अवाक.

बोल्ट अब अपने गोल्डन शूज टांग देंगे लेकिन ट्रैक की दुनिया को ऐसा दूसरा चैंपियन ढूंढने में शायद बरसों लग जाएं. एथलेटिक्स की दुनिया में एक दशक तक तहलका मचाने वाले जमैका के सुपरस्टार एथलीट उसेन बोल्ट का अपनी अंतिम रेस में स्वर्ण से विदाई की हसरत अधूरी रह गई.

चोट की वजह से वह 4 गुणा सौ मीटर रिले की अपनी अंतिम रेस को फिनिश भी नहीं कर सके. रिले रेस में जमैका की चौकड़ी के लिए चौथे चरण में दौड़ रहे रफ्तार के सौदागर बोल्ट ने योहान ब्लैक से बैटन पकड़ी और लंबे डग भरते हुए तेजी से फिनिश लाइन की ओर दौड़े लेकिन मांसपेशियों में खिंचाव के कारण लड़खड़ाने लगे और दर्द से कराहते हुए ट्रैक पर ही गिर गए. तमाम उम्र शिखर पर रहे बोल्ट का सफर अंतिम रेस में सिफर पर आकर थम गया.

आइये जानते हैं विश्व के सबसे तेज धावक उसेन बोल्ट के बारे में कुछ रोचक बातें.

स्कूल में भी सबसे तेज धावक थे बोल्ट

बोल्ट ने सबसे पहली बार अपनी तेज दौड़ने की क्षमता स्कूल में ही दिखाई थी. वेल्डनसिया प्राइमरी स्कूल के छात्र रहे बोल्ट बारह साल की उम्र में पूरे स्कूल में 100 मीटर रेस के सबसे तेज धावक थे. बोल्ट जब छोटे थे, तब अपना काफी समय भाई के साथ गली में क्रिकेट और फुटबाल खेलने में बिताते थे.

ट्रेनिंग से जी चुराते थे बोल्ट

पूर्व ओलंपिक स्प्रिंट एथलीट पाब्लो मैकनील बोल्ट के शुरुआती कोच रहे और दोनों के बीच काफी अच्छा और सकारात्मक तालमेल भी नजर आया. हालांकि बोल्ट शुरुआत में ट्रेनिंग को लेकर गंभीर नहीं रहते थे जिस वजह से मैकनील कई बार उनसे नाराज भी हो जाते थे. बोल्ट को अपने दोस्तों के साथ घूमना और वीडियो गेम खेलना काफी पसंद था. वह अकसर अपने दोस्तों के साथ घूमते और वीडियो गेम खेलते थे और इसी कारण ट्रेनिंग पर नहीं जाते थे. इसके अलावा बोल्ट के व्यावहारिक चुटकुले भी मैकनील को कभी कभी काफी गुस्सा दिलाते थे.

2004 में बने पेशेवर धावक

बोल्ट ने 2004 में पेशेवर धावक बनने का फैसला किया. अपने नए कोच फित्ज कोलमैन के मार्गदर्शन में बरमुडा में आयोजित हुए कारिफ्ता गेम्स में पेशेवर धावक के तौर पर हिस्सा लिया. वह 200 मीटर की दौड़ को 20 सेकंड से कम में पूरा करने वाले पहले जूनियर स्प्रिंटर थे. उन्हें 2004 कारिफ्ता गेम्स में आस्टिन सीले ट्राफी से नवाजा गया था. हैम्स्ट्रिंग की चोट के कारण वह 2004 वर्ल्ड जूनियर चैंपियनश्र्प में हिस्सा नहीं ले सके थे लेकिन इसके बावजूद उन्हें जमैका की ओलंपिक टीम में शामिल किया गया. बोल्ट ने 2004 एथेंस ओलंपिक में हिस्सा लिया और चोट के कारण 200 मीटर रेस के पहले ही राउंड मे बाहर हो गए.

क्रिकेट कोच ने किया था गति को नोटिस

विलियम निब्ब मेमोरियल हाई स्कूल में बोल्ट के क्रिकेट कोच ने पिच पर उनकी गति को नोटिस किया और उनसे ट्रैक एंड फील्ड इवेंट में अपना करियर बनाने की सलाह दी. पूर्व ओलंपिक स्प्रिंट एथलीट पाब्लो मैकनील और ड्वेन जारेट ने बोल्ट को शुरुआती कोचिंग दी और एथलेटिक्स में अपनी ऊर्जा को सुधारने पर फोकस करने के लिए प्रेरित किया. बोल्ट ने 2001 में वार्षिक हाई स्कूल चैंपियनशिप में पदक जीता. उन्होंने 200 मीटर रेस 22.04 सेकंड में पूरी कर सभी को हैरान कर दिया.

गेंदबाज बनना चाहते थें बोल्ट

एथलीट बनने से पहले बोल्ट क्रिकेट में गेंदबाज बनना चाहते थें और वकार युनूस उनके पसंदीदा थे लेकिन उन्होंने जो किया पूरी शिद्दत से किया.

बोल्ट के विश्व रिकार्ड

बोल्ट के नाम 100 मीटर और 200 मीटर के विश्व रिकार्ड दर्ज हैं. उन्होंने बर्लिन में 2009 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में फर्राटा रेस 9.58 सेकंड में पूरी की थी और विश्व रिकार्ड बनाया था. बर्लिन में ही उन्होंने 200 मीटर रेस 19.19 सेकंड में पूरी कर विश्व रिकार्ड बनाया जिसे आज तक कोई नहीं तोड़ सका है.

बोल्ट के नाम ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में कुल 22 पदक हैं जिसमें से 19 स्वर्ण हैं. उन्होंने दो रजत पदक 2007 ओसाका विश्व चैंपियनशिप में जीते जो 200 मीटर और चार गुणा 100 मीटर स्पर्धा में अपने नाम किया था. उनका एकमात्र कांस्य पदक भी विश्व चैंपियनशिप में जीता है जो इस साल लंदन में फर्राटा रेस में अपने नाम किया था. बोल्ट के नाम आठ ओलंपिक स्वर्ण पदक हैं. इसके अलावा उन्होंने वर्ल्ड जूनियर चैंपियनशिप में एक स्वर्ण और दो रजत पदक भी जीते हैं.

आज तक नहीं टूटा उसेन का रिकार्ड

उसेन बोल्ट ने 2009 की बर्लिन विश्व चैंपियशिप में 100 मीटर की दूरी 9.58 सेकेंड में पूरा करने का रिकार्ड बनाया था. जिसे आज तक कोई धावक नहीं तोड़ पाया.

इसके अनुसार बोल्ट ने 9.58 सेकेंड में 100 मीटर का लक्ष्य अपनी रफ्तार को 12.2 मीटर प्रति सेकेंड तक पहुंचाकर हासिल किया. यानी बोल्ट 27 मील प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ रहे थें

पिता की है किराने की दुकान

उसेन बोल्ट एक बेहद साधारण परिवार से हैं. उनके पिता वेलेस्ले बोल्ट की अपने इलाके में छोटी सी किराने की दुकान है. बोल्ट का जन्म जमैका के एक छोटे से कस्बे शेरवुड कंटेंट में हुआ था. बोल्ट को अपने शुरुआती जीवन में काफी समस्याओं से जूझना पड़ा था लेकिन आज दुनिया में कितने ही लोग उनकी तरह नाम कमाना चाहते हैं. बोल्ट के एक भाई सादिकी और बहन शेरिन हैं.

सिगरेट बेचने का किया काम

बोल्ट एक साधारण परिवार से आते हैं. अपनी बहन, भाई और परिवार की मदद के लिए उन्होंने किराना दुकान पर रम और सिगरेट बेचने का काम किया था.

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